है भगवान! हर 10 मिनट में होती है एक महिला की हत्या, यह आंकड़ा उड़ा देगा आपके होश

संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया में हर दस मिनट में एक महिला या लड़की अपने साथी या परिवारजन के हाथों हत्या की शिकार बनती है। साल 2023 में 83,000 महिलाओं की हत्या हुई, जिनमें से 60% हत्याएं घर के भीतर हुईं। रिपोर्ट डिजिटल हिंसा और बढ़ते फेमिसाइड को लेकर गंभीर चेतावनी देती है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 25 November 2025, 10:41 PM IST
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New Delhi: संयुक्त राष्ट्र की एक ताज़ा रिपोर्ट ने दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की एक बेहद गंभीर तस्वीर सामने रखी है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ड्रग्स और अपराध (यूएनओडीसी) और यूएन विमेन द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में हर दस मिनट में एक महिला या लड़की अपने साथी या परिवार के किसी सदस्य के हाथों हत्या का शिकार होती है। यह आंकड़ा प्रतिदिन औसतन 137 हत्याओं के बराबर है।

रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2023 में दुनिया भर में कुल 83,000 महिलाओं और लड़कियों की हत्या की गई। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत यानी करीब 50,000 हत्याएं ऐसे लोगों ने कीं जो उनके सबसे नजदीकी रिश्तों में थे- पति, प्रेमी, भाई, पिता या अन्य परिवार। इसके उलट, पुरुषों की कुल हत्याओं में केवल 11 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिनमें अपराधी उनके अपने परिजन या साथी थे। यह अंतर स्पष्ट करता है कि महिलाओं के लिए सबसे अधिक खतरा उनके अपने घर के भीतर ही छिपा होता है।

यूएनओडीसी के कार्यकारी निदेशक जान ब्रांडोलिनो ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “घर कई महिलाओं और लड़कियों के लिए एक खतरनाक और कभी-कभी जानलेवा स्थान बना हुआ है।” उन्होंने इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए प्रभावी रोकथाम रणनीतियों और सख्त आपराधिक न्याय तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। ब्रांडोलिनो के अनुसार, घरेलू हिंसा और फेमिसाइड को रोकने के लिए केवल कानून बनाए जाना पर्याप्त नहीं, बल्कि उन्हें प्रभावी रूप से लागू करना भी आवश्यक है।

रिपोर्ट में डिजिटल हिंसा को भी एक उभरते हुए बड़े खतरे के तौर पर चिन्हित किया गया है। यूएन विमेन की नीति विभाग की निदेशक सारा हेंड्रिक्स ने बताया कि ऑनलाइन उत्पीड़न, धमकियां और साइबर स्टॉकिंग अक्सर ऑफलाइन हिंसा में बदल जाती हैं, जिसका भयावह परिणाम हत्या तक भी पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रसार के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म महिलाओं को अपनी बात कहने का मंच तो देते हैं, लेकिन साथ ही वे उन्हें नए प्रकार के खतरों के सामने भी खड़ा करते हैं।

क्षेत्रवार आंकड़ों पर नजर डालें तो फेमिसाइड की सबसे अधिक दर अफ्रीका में पाई गई है, जहां प्रति 1,00,000 महिला जनसंख्या पर तीन महिलाएं अपने ही साथी या परिवारजन द्वारा मारी जाती हैं। इसके बाद अमेरिका में यह दर 1.5, ओशिनिया में 1.4, एशिया में 0.7 और यूरोप में 0.5 है। हालांकि घर के बाहर होने वाली महिलाओं की हत्याओं पर डेटा सीमित है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक स्थिति इससे भी अधिक गंभीर हो सकती है।

दुनिया भर में सक्रिय कई संगठनों का मानना है कि अगर शिक्षा, जागरूकता, कानूनी सुधार और पीड़ितों के लिए मजबूत सहायता तंत्र को प्राथमिकता दी जाए तो महिलाओं के खिलाफ हिंसा में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। लेकिन जब तक यह रणनीतियाँ जमीन पर लागू नहीं होंगी, तब तक हर दस मिनट में एक महिला या लड़की अपनी जान गंवाती रहेगी और यह मानवता के लिए सबसे बड़ा शर्मसार करने वाला आंकड़ा है।

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Published : 
  • 25 November 2025, 10:41 PM IST