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यूपी के रायबरेली में कोर्ट ने 8 साल पुराने मर्डर केस में फैसला सुनाया है। जिसमें आरोपियों ने सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। चर्चित हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को सजा सुनाई है। इसमें दो सगे भाई भी शामिल हैं। सजा मिलने के बाद समाज में कोर्ट के प्रति एक विश्वास जागा है।
रायबरेली कोर्ट ने सुनाई सजा
Raebareli: रायबरेली की अदालत ने मंगलवार को आठ साल पुराने एक चर्चित हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें दो सगे भाई भी शामिल हैं। कोर्ट ने तीनों दोषियों को सजा सुनाने के साथ ही 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
गौरतलब है कि घटना 26 जुलाई 2017 की है। शहर के नया पुरवा (घसियारी मंडी) निवासी अब्दुल उर्फ पप्पू अपनी बाइक से बाजार जा रहे थे। तभी सत्य नगर के पास घात लगाए हमलावरों ने उन पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। इस संबंध में मृतक के पिता मुन्ना ने सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए विवेचना पूरी की और तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
अपर जिला जज अमित पांडेय की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अयोध्यापुरी निवासी दो सगे भाइयों आजाद व नन्हू और घसियारी मंडी निवासी गोलू उर्फ समीर को दोषी करार दिया। कोर्ट ने तीनों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। ट्रायल के दौरान एक आरोपी साबिर की लखनऊ में हत्या हो चुकी है, जबकि साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने नसीम और गुड्डन को बरी कर दिया।
वहीं, 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत एक अन्य मामले में भी कोर्ट ने फैसला सुनाया। चोरी के आरोप में दोषी पाए गए अजीत कुमार को अदालत ने जेल में बिताई गई अवधि के बराबर सजा सुनाई और रिहाई के आदेश दिए। साथ ही उस पर 100 रुपये का प्रतीकात्मक अर्थदंड भी लगाया गया। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते अपराधियों को सजा दिलाने में तेजी आई है।
कोर्ट ने लगाया सौ रुपये का अर्थदंड
रायबरेली में चोरी के मामले में दोषी अजीत कुमार को जेल में व्यतीत की गई अवधि के साथ 100 रुपये का अर्थदंड लगाने की सजा सुनाई है। ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस ने कोर्ट में यह मामला प्रस्तुत किया था।