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यूपी के गोरखपुर में डबल मर्डर से सनसनी फैल गई। पुलिस तीन दिन पूर्व हुए हत्या की गुत्थी सुलझा रही है। इस हत्या से पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
गोरखपुर में मां-बेटी की निर्मम हत्या
Gorakhpur: शाहपुर थाना क्षेत्र की गीता वाटिका कॉलोनी में उस वक्त खौफ की लहर दौड़ गई, जब एक घर से तीन दिन से आ रही भयंकर बदबू का पुलिस ने राज खोला। पड़ोसियों ने जब पुलिस को बुलाया और दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का मंजर देख हर किसी की रूह कांप गई।
जानकारी के अनुसार 75 साल की बुजुर्ग शांति देवी और उनकी 55 साल की बेटी विमला देवी का खून से लथपथ शव अलग-अलग कमरों में पड़ा था। दोनों के सिर हथौड़े से इस बेरहमी से कुचले गए थे कि चेहरों की पहचान तक मुश्किल हो रही थी। कमरों में खून के छींटे दीवारों तक पहुंचे थे, सामान बिखरा पड़ा था और हत्या का हथियार – खून से सना हथौड़ा – खुद विमला के शव के पास ही छोड़ा गया था।
पुलिस की शुरुआती जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ जिसमें घर का ताला टूटा नहीं था, खिड़कियां भी सही-सलामत। यानी हत्यारा कोई बाहर का नहीं, बल्कि ऐसा शख्स था जिसे दोनों मां-बेटी बेझिझक घर में घुसने देती थीं। पुलिस अब संपत्ति विवाद, किराएदारों से रंजिश और निजी दुश्मनी के एंगल पर फोकस कर रही है।
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सूत्र बता रहे हैं कि विमला देवी पिछले कुछ दिनों से घर में किराएदार रखने की बात कर रही थीं। कुछ संदिग्ध लोग उनके घर आया-जाया करते थे। पुलिस अब इन्हीं लोगों की तलाश में जुटी है। मोहल्ले में चर्चा है कि कहीं किराए को लेकर कोई बड़ा झगड़ा तो नहीं हो गया?
पुलिस CCTV फुटेज खंगाल रही है लेकिन अभी तक कोई ठोस क्लू नहीं मिले है। SSP ने 5 स्पेशल टीम बनाईं है। इतना सब कुछ होने के बाद भी पुलिस के पास कोई नाम, कोई फिंगरप्रिंट, कोई ठोस सबूत नहीं। मोहल्ले के लोग गुस्से में हैं तीन दिन हो गए, कातिल घूम रहा है और पुलिस बयानबाजी कर रही है!”
पड़ोसी बताते हैं कि शांति देवी और विमला बहुत शांत स्वभाव की थीं। सुबह-शाम पूजा-पाठ, किसी से झगड़ा नहीं। बेटा बाहर रहता है, दोनों अकेले ही घर संभालती थीं। फिर आखिर किसने और क्यों इस बेरहमी से उनकी जान ले ली?पुलिस दावा कर रही है कि “24 घंटे में खुलासा हो जाएगा”। लेकिन 48 घंटे गुजर चुके हैं और कातिल अभी भी खुलेआम घूम रहा है।
क्या यह दोहरा कत्ल गोरखपुर पुलिस की सबसे बड़ी नाकामी साबित होगा?