

भारत सरकार की यह डिजिटल कार्रवाई स्पष्ट करती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ सैन्य मोर्चे पर नहीं, बल्कि सूचना युद्ध के मैदान में भी भारत की जीत का उदाहरण बन रहा है।
सरकार का बड़ा एक्शन
New Delhi: भारत सरकार ने हाल में संपन्न हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान डिजिटल मीडिया पर चल रही भ्रामक, झूठी और देशविरोधी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की है। केंद्र सरकार ने 1,400 से अधिक यूआरएल (URL) और 43 ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्मों को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं। इन डिजिटल स्रोतों पर भारत विरोधी, साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ कंटेंट होने का आरोप है, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तान स्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स से संचालित हो रहे थे।
डिजिटल युद्ध में भी चौकस है भारत
केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि कई अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया हैंडल और डिजिटल प्लेटफॉर्म 'ऑपरेशन सिंदूर' तथा पहलगाम आतंकी हमले के दौरान झूठी और संभावित रूप से नुकसानदेह सूचनाओं का प्रसार कर रहे थे। उन्होंने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत सरकार ने भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था की रक्षा के लिए यह कार्रवाई की। झूठ फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।"
मीडिया को दी गई थी एडवाइजरी
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भी 26 अप्रैल 2025 को सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में एक सलाह जारी की थी। इसमें कहा गया था कि वे सैन्य अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज करने से बचें, जिससे गोपनीय जानकारी लीक ना हो और देश के मनोबल पर प्रतिकूल असर ना पड़े।
केंद्रीय कंट्रोल रूम से चला ऑपरेशन
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सरकार ने एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष (Centralised Control Room) स्थापित किया। जिसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के नोडल अधिकारी, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) और अन्य सरकारी मीडिया इकाइयों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसका उद्देश्य था फर्जी समाचारों की पहचान करना और सटीक जानकारी मीडिया व जनता तक पहुंचाना।
43 OTT प्लेटफॉर्मों पर भी कार्रवाई
सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं, सरकार ने 43 ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्मों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है। ये प्लेटफॉर्म अश्लील, सांस्कृतिक रूप से आपत्तिजनक और हिंसक सामग्री दिखा रहे थे। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि डिजिटल मीडिया नियमों के तहत, सभी OTT प्लेटफॉर्मों को नैतिकता कोड (Code of Ethics) का पालन करना अनिवार्य है। इन्हें उम्र-आधारित स्व-श्रेणीकरण और यौन व हिंसक कंटेंट की चेतावनी देने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों की अनदेखी करने वालों पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए।
सरकार ने इंफ्लुएंसरों को लेकर क्या कहा?
डिजिटल मीडिया पर बढ़ते इंफ्लुएंसर प्रभाव के बीच यह सवाल उठा कि क्या सरकार अपने अभियानों में मीडिया इंफ्लुएंसरों को नियुक्त कर रही है? इस पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने स्पष्ट किया कि "सरकार की किसी योजना में मीडिया इंफ्लुएंसरों की कोई भूमिका नहीं है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।"
रिटायर्ड अफसरों के सेवा विस्तार पर सफाई
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस व आईआरएस अधिकारियों को सेवा विस्तार विशेष परिस्थितियों और जनहित में दिया जाता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट आंकड़ा नहीं बताया कि पिछले 5 वर्षों में कितने अधिकारियों को विस्तार मिला। उन्होंने कहा, "सेवा विस्तार अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 और संबंधित प्रावधानों के अनुसार ही दिया जाता है।"