

केंद्र सरकार इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के दो मुख्य सचिवों अनूप चंद्र पांडेय और दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार दे चुकी है। यही कारण है कि इस बार भी अफसरशाही में यह उम्मीद बनी हुई है कि सेवा विस्तार की अधिसूचना अंतिम दिन यानी गुरुवार को आ सकती है, जैसा कि पहले के मामलों में देखा गया है।
योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में इस समय सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा। मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें सेवा विस्तार मिलेगा या फिर किसी नए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस असमंजस के बीच बुधवार को राजधानी लखनऊ में पूरे दिन अफसरशाही और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर गर्म रहा।
सेवा विस्तार को लेकर राज्य सरकार की सिफारिश
मनोज कुमार सिंह को 30 जून 2024 को उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था और वह 1 अगस्त 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राज्य सरकार ने उन्हें एक वर्ष का सेवा विस्तार देने के लिए केंद्र सरकार को जुलाई के पहले सप्ताह में औपचारिक प्रस्ताव भेजा था।
आज होगा अंतिम फैसला
गौरतलब है कि केंद्र सरकार इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के दो मुख्य सचिवों अनूप चंद्र पांडेय और दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार दे चुकी है। यही कारण है कि इस बार भी अफसरशाही में यह उम्मीद बनी हुई है कि सेवा विस्तार की अधिसूचना अंतिम दिन यानी गुरुवार को आ सकती है, जैसा कि पहले के मामलों में देखा गया है।
मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं मनोज कुमार सिंह
मनोज कुमार सिंह की गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वस्त और भरोसेमंद अधिकारियों में होती है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न प्रशासनिक मोर्चों पर सरकार की प्राथमिकताओं को लागू करने में अहम भूमिका निभाई है। खासकर नगरीय विकास, अवस्थापना परियोजनाओं और जिला प्रशासन के साथ बेहतर तालमेल के लिए उनकी कार्यशैली की सराहना की गई है। इसी वजह से माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्वयं उनके सेवा विस्तार के पक्ष में हैं और केंद्र सरकार से सहमति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अगर नहीं मिला सेवा विस्तार तो कौन होगा अगला मुख्य सचिव?
यदि मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलता तो तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नामों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
एसपी गोयल: मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव, जिन्हें बेहद भरोसेमंद और अनुभवी माना जाता है। शासन के अहम निर्णयों में इनकी भूमिका रही है।
देवेश चतुर्वेदी: वर्तमान में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी। व्यापक प्रशासनिक अनुभव के साथ केंद्र-राज्य समन्वय में भी दक्षता रखते हैं।
दीपक कुमार: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (वित्त) और कृषि उत्पादन आयुक्त। बजट, वित्तीय प्रबंधन और नीति निर्माण में उनकी गहरी पकड़ है।
चर्चाओं का बाजार गर्म, नजरें केंद्र पर टिकीं
ब्यूरोक्रेसी से लेकर राजनीतिक हलकों तक सभी की निगाहें अब केंद्र सरकार पर टिकी हुई हैं। आमतौर पर सेवा विस्तार की अधिसूचना अंतिम दिन ही आती रही है, इसलिए गुरुवार का दिन निर्णायक होगा। अगर सेवा विस्तार का पत्र सुबह से पहले आ जाता है तो मनोज कुमार सिंह कार्यकाल आगे बढ़ा सकते हैं। नहीं तो नए मुख्य सचिव की घोषणा तत्काल प्रभाव से की जा सकती है।