

गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि गुलाम जम्मू-कश्मीर भारत का था, है और रहेगा। इसे वापस लेने का कार्य केवल भाजपा की सरकार ही करेगी। उनके इस बयान से न केवल विपक्ष पर दबाव बना, बल्कि यह संदेश भी दिया गया कि सरकार की रणनीति केवल रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई तक पहुंचने की है।
अमित शाह
New Delhi: राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा के दौरान एक बार फिर केंद्र और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। कांग्रेस सदस्यों के “गुलाम जम्मू-कश्मीर कब वापस लाओगे?” जैसे सवालों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीधा और कड़ा जवाब देते हुए कहा, “गुलाम जम्मू-कश्मीर को वापस लाने का काम भी भाजपा की सरकार ही करेगी और यह सरकार अगले 30 साल तक रहने वाली है।”
नेहरू को ठहराया GPOK के लिए जिम्मेदार
अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि गुलाम जम्मू-कश्मीर (Gilgit-Baltistan और पीओके) का भारत से अलग होना कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल है। उन्होंने कहा, “अगर प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने युद्धविराम का फैसला न लिया होता और सेना को खुली छूट दी होती तो आज गुलाम जम्मू-कश्मीर भी भारत का हिस्सा होता।”
“हिंदू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता”
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने न केवल GPOK का हिस्सा पाकिस्तान को सौंपा, बल्कि आज भी राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषयों पर राजनीति कर रही है। अमित शाह ने विपक्षी नेताओं पर 'हिंदू आतंकवाद' शब्द के प्रचार का आरोप लगाते हुए कहा, “हिंदू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता। कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति के चलते निर्दोष हिंदुओं को झूठे आतंकवाद के मामलों में फंसाया, लेकिन एक भी केस टिक नहीं पाया।”
ऑपरेशन सिंदूर और महादेव पर सफाई
ऑपरेशन सिंदूर पर उठे विपक्षी सवालों के जवाब में अमित शाह ने बताया कि यह अभियान संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत 'आत्मरक्षा के अधिकार' में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, “यह न युद्ध था, न युद्धविराम की स्थिति। यह एक जवाबी कदम था, जिसे 193 देशों ने समर्थन दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने अपना लक्ष्य पूरी तरह से हासिल किया है।”
"ये परंपराएं भाजपा की नहीं, भारत की हैं"
वहीं, ऑपरेशन महादेव के नाम पर महाराष्ट्र कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण द्वारा लगाए गए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के आरोपों पर शाह ने जोरदार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हर-हर महादेव युद्धघोष है, कोई राजनीतिक नारा नहीं। शिवाजी महाराज से लेकर आज की भारतीय सेना की कई टुकड़ियों के युद्धघोष धार्मिक प्रतीकों से जुड़े हैं- ये परंपराएं भाजपा की नहीं, भारत की हैं।”
370 हटने के बाद कश्मीर में बदलाव का दावा
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बावजूद आतंकवाद पूरी तरह खत्म नहीं होने के विपक्षी आरोपों पर शाह ने कहा, “कांग्रेस ने आतंकवाद की जड़ें इतनी गहराई तक बो दी थीं कि उसे उखाड़ने में समय लग रहा है। लेकिन आज हालात यह हैं कि पिछले छह महीनों में कश्मीर का एक भी स्थानीय युवक किसी आतंकी संगठन में शामिल नहीं हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी घटनाएं, पत्थरबाजी और अलगाववाद अब इतिहास बन चुके हैं, और कश्मीर अब विकास और विश्वास की राह पर आगे बढ़ रहा है।
कांग्रेस पर ‘हिंदू-मुस्लिम’ चश्मे से देखने का आरोप
गृह मंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, “कांग्रेस हर चीज़ को हिंदू बनाम मुस्लिम के चश्मे से देखती है। उनकी प्राथमिकता देश की सुरक्षा नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ है।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद का समूल नाश और सीमाओं की रक्षा है। भाजपा इन सिद्धांतों पर अटल रहेगी।