Nepal Protest: नेपाल में बवाल: 20 की मौत, 500 घायल, कर्फ्यू के बीच देखिये डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

नेपाल में सरकार द्वारा सोशल मीडिया के 26 एप्स पर बैन लगाने के बाद हालात बिगड़ गए हैं। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठा, जिसमें 20 लोगों की मौत और 500 से ज्यादा घायल हुए हैं। गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि प्रदर्शनकारियों का गुस्सा प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 9 September 2025, 1:09 AM IST
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Nepal: नेपाल में सोमवार को हालात अचानक बिगड़ गए जब युवाओं के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया। दरअसल, नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके विरोध में राजधानी काठमांडू समेत कई जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के सूत्रों के अनुसार, इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 500 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है। राजधानी के कई इलाकों में अब भी तनाव का माहौल बना हुआ है।

इसी बीच एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और वे अब भी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।

स्थिति को काबू में लाने के लिए नेपाल प्रशासन ने राजधानी काठमांडू के अलावा पोखरा, रूपंदेही, बुटवल और भैरहवा में कर्फ्यू लागू कर दिया है। सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और इंटरनेट सेवाओं पर भी निगरानी कड़ी कर दी गई है।

नेपाल की बिगड़ती स्थिति का असर भारतीय पर्यटकों पर भी दिख रहा है। बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक नेपाल छोड़कर वापस लौट रहे हैं। भारत-नेपाल सीमा सोनौली पर लौट रहे यात्रियों ने डायनामाइट न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि नेपाल की हालत बेहद खराब है। उनका कहना है कि नेपाल के अलग-अलग इलाकों में अब भी भारतीय फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए।

नेपाल में जारी इस राजनीतिक संकट ने पूरे दक्षिण एशिया में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

 

 

 

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