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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अमेरिकी बाजार में चावल “डंप” करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि वह इस मुद्दे को टैरिफ लगाकर हल करेंगे। कृषि प्रतिनिधियों के साथ बैठक में ट्रंप ने कहा कि भारत के खिलाफ WTO केस जारी है और यह मामला जल्दी निपटाया जाएगा।
इंडिया राइस डंपिंग पर टैरिफ (Img Source: Google)
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी बाजार में सस्ते दामों पर चावल बेचकर (डंपिंग) अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप ने कहा कि इस स्थिति को वह “बहुत जल्दी” टैरिफ के जरिए नियंत्रित कर देंगे।
व्हाइट हाउस में कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों और कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक में ट्रंप ने यह टिप्पणी की। बैठक का उद्देश्य कृषि कारोबारियों की समस्याओं को सुनना और उन्हें राहत देना था। इसी दौरान लुइसियाना की चावल उत्पादक मेरिल केनेडी ने कहा कि अमेरिकी किसान अंतरराष्ट्रीय दामों के दबाव से जूझ रहे हैं और भारत के साथ थाईलैंड तथा चीन जैसे देश अमेरिकी बाजार में बड़े पैमाने पर सस्ता चावल बेच रहे हैं।
जब ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश सबसे ज्यादा सस्ता चावल बेच रहे हैं, तो जवाब मिला भारत, थाईलैंड और चीन। इस पर ट्रंप ने कड़े शब्दों में कहा, “भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है? उन्हें शुल्क देना होगा। अगर वे अवैध तरीके से सामान भेज रहे हैं, तो इसका हल एक दिन में हो जाएगा।”
उनके वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है और WTO में भारत के खिलाफ एक केस लंबित है। ट्रंप ने दावा किया कि अगर टैरिफ बढ़ाया गया तो समस्या तुरंत सुलझ जाएगी।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है और वैश्विक निर्यात में लगभग 30% हिस्सेदारी रखता है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और मध्य पूर्व में भारत का सोना मसूरी जैसे चावल की किस्मों का बड़ा बाजार है।
इसी प्रभाव को देखते हुए ट्रंप 2024 से भारत पर कई बार टैरिफ बढ़ा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत से आने वाले चावल पर 50% तक शुल्क लगाया गया है जो विश्व में सबसे ज्यादा माना जाता है।
बैठक में मौजूद किसानों ने कहा कि सस्ते विदेशी चावल के कारण अमेरिकी किसानों की बिक्री घट रही है प्यूर्टो रिको जैसे बाजार, जो कभी अमेरिका के बड़े ग्राहक थे, अब भारत और चीन से चावल खरीद रहे हैं इससे अमेरिकी कृषि अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ रहा है।
ट्रंप की टिप्पणी संकेत देती है कि भारत के लिए अमेरिकी बाजार और महंगा हो सकता है WTO केस का परिणाम आने से पहले ही अमेरिका कड़ा कदम उठा सकता है व्यापार वार्ता पर इसका असर पड़ सकता है विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टैरिफ और बढ़ता है, तो इसका असर केवल चावल तक सीमित नहीं रह सकता। अन्य भारतीय उत्पाद भी इसके दायरे में आ सकते हैं।
भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है, लेकिन अमेरिका जैसे देशों में बढ़ते टैरिफ से निर्यातकों को मुश्किल हो सकती है। फिलहाल भारत सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन WTO केस और अमेरिका के सख्त रुख को देखते हुए आने वाले दिनों में व्यापार तनाव बढ़ सकता है।