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गाजियाबाद पुलिस ने 4 नवंबर को 3 ट्रक कोडीन कफ सिरप पकड़ा था। इसकी कीमत करीब 3 करोड़ 40 लाख रुपए बताई गई। कुल 7 आरोपी सौरव त्यागी, शादाब, शिवकांत, संतोष भड़ाना, अंबुज कुमार, धर्मेंद्र सिंह, दीपू यादव और सुशील यादव पकड़े गए।
कफ सिरप वांटेड को हाईकोर्ट से मिला अरेस्टिंग स्टे
Ghaziabad: गाजियाबाद में कफ सिरप मामले में नया मोड़ सामने आया है। यह नेटवर्क उत्तर भारत से बांग्लादेश तक फैला हुआ है। मगर रैकेट से जुड़े वांटेड आसिफ कानून से बचने की कवायद में सफल हो गया। उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया है। पुलिस ने आसिफ को मुकदमे में नशे की तस्करी की रीढ़ बताया है।
गाजियाबाद पुलिस का दावा है कि आसिफ ट्रांसपोर्टर है। वह कोडीन कफ सिरप की शीशियां बांग्लादेश तक सप्लाई करता था। साढ़े तीन करोड़ रुपये की कोडीन कफ सिरप बरामदगी के बाद पुलिस को आसिफ की तलाश थी। उसको पकड़ने के लिए टीम जगह जगह दबिश दे रही थी। इस केस में मेरठ का रहने वाला आसिफ वांटेड था और इस समय दुबई में रह रहा है। आसिफ ने देश से हजारों किलोमीटर दूर दुबई में बैठकर ही अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगवा ली। तस्करी के इतने बड़े मामले में आरोपी का विदेश में रहते हुए कानूनी राहत हासिल करना नेटवर्क की गहराई और कनेक्शन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
गाजियाबाद में बड़ा खुलासा: 7 लाख की रोज बिक्री, कफ सिरप पर नशेड़ियों की नजर
आसिफ ने एक मीडिया रिपोर्ट में बताया कि जब वो मेरठ में था, तब ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करता था। बाकी भाई भी गाड़ियां चलाते हैं। 2020 में सऊदी आ गया। यहां भी ट्रांसपोर्ट का बिजनेस किया, लेकिन चला नहीं। फिर होटल लीज पर लेकर चलाता हूं। कफ सिरप मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। इसकी मुझे कोई जानकारी भी नहीं। FIR में जितने भी नाम हैं, इनमें से किसी को जानता तक नहीं हूं। किसी से कभी मिला भी नहीं। मुझे नहीं मालूम कि मेरा नाम इस FIR में कैसे आया है।
गाजियाबाद पुलिस ने 4 नवंबर को 3 ट्रक कोडीन कफ सिरप पकड़ा था। इसकी कीमत करीब 3 करोड़ 40 लाख रुपए बताई गई। कुल 7 आरोपी सौरव त्यागी, शादाब, शिवकांत, संतोष भड़ाना, अंबुज कुमार, धर्मेंद्र सिंह, दीपू यादव और सुशील यादव पकड़े गए। इस मामले में आसिफ का नाम भी सामने आया।
पूछताछ में सौरव त्यागी ने बताया- कफ सिरप में कोडीन होने की वजह से भारत और बांग्लादेश में ये नशे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इसकी बिक्री पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। इसलिए इसकी ब्लैक मार्केटिंग और तस्करी होती है। सौरव के अनुसार, इस कारोबार का मुख्य सरगना मेरठ में रहने वाले आसिफ और वसीम और वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल हैं। ये तीनों देश के अलग-अलग हिस्सों से कफ सिरप इकट्ठा करके बांग्लादेश तक भेजते हैं। सबसे पहले ये कफ सिरप दिल्ली-एनसीआर के गोदामों पर इकट्ठा होता है। वहां से बरेली-गोरखपुर के ट्रांसपोर्ट गोदामों तक लाया जाता है। यहां से आसिफ और वसीम के निर्देश पर सौरव त्यागी कफ सिरप के ट्रकों को झारखंड, वेस्ट बंगाल, असम समेत कई राज्यों में भेजता है।
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आसिफ मूलरूप से मेरठ जनपद में किठौर थाना क्षेत्र के राधना गांव का रहने वाला है। आसिफ कुल 5 भाई है। सलीम और आसिफ कैंटर ड्राइवर हैं। शहजाद नोएडा में होटल चलाता है। चौथा भाई मानसिक रूप से पीड़ित है। जबकि, आसिफ बीते काफी सालों से दुबई में रहता है। उसके खिलाफ कई तरह के मुकदमे दर्ज हैं। आसिफ के बगल में ही बाकी चारों भाइयों के अलग-अलग मकान बने हैं। इनमें सबसे बेहतर मकान आसिफ का बना है। पूरे मकान पर टाइल्स-पत्थर लगा है। गेट पर ताला लगा है। पूरा घर धूल से अटा पड़ा है।