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यूपी के सोनभद्र से शुरू करोड़ों का कफ सिरप का काला कारोबार अब बड़े ड्रग रैकेट के रूप में सामने आ रहा है। यह अवैध नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल से लेकर नेपाल और बांग्लादेश तक फैला है।
कफ सिरप का गोदाम
Ghaziabad: यूपी के सोनभद्र से शुरू कफ सिरप का काला कारोबार बड़े ड्रग रैकेट के रूप में सामने आ रहा है। यह अवैध नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं है। बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल से लेकर नेपाल और बांग्लादेश तक फैला है। इस नेटवर्क का एक बड़ा हब गाजियाबाद में पकड़ा गया है। जहां से लाखों की नकली कफ सिरप की सप्लाई होती थी। डायनामाइट न्यूज की टीम मौके पर पहुंची। देखिए ग्राउंड जीरो से एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
कुछ दिन पहले गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने एक बड़े गोदाम पर छापा मारा था। यहां से 1 लाख 70 हजार से ज्यादा नकली कफ सिरप की बोतलें बरामद हुईं। गोदाम को मौके पर ही सील कर दिया गया और 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यह सिरप नशेड़ी लोग नशे के लिए इस्तेमाल करते थे। गिरोह अलग-अलग राज्यों में इसकी तस्करी करता था।
पकड़ा गया यह गोदाम सिर्फ एक जगह नहीं पूरे उत्तर भारत में फैले कफ सिरप माफिया का बड़ा लिंक था। पुलिस, STF और SIT की जांच के बाद इस नेटवर्क की पूरी सच्चाई धीरे-धीरे खुल रही है। डायनामाइट न्यूज की टीम जब मौके पर पहुंची तो गोदाम पूरी तरह बंद था। गोदाम ऐसी जगह पर था जहां दूर-दूर तक कोई हलचल नजर नहीं आती। इलाके में सन्नाटा था और आसपास के लोग कैमरे पर कुछ भी बोलने से बच रहे थे।
पुलिस की जांच में पता चला है कि गिरोह फार्मा कंपनियों के नाम पर फर्जी लाइसेंस बनाकर सिरप मंगवाता था। उसे नकली लेबल लगाकर अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था। सबसे ज्यादा सप्लाई यूपी और बिहार में की जाती थी और फिर वहां से नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते आगे भेजा जाता था। इस पूरे रैकेट का मुखिया शुभम जायसवाल बताया जा रहा है। वह लंबे समय से भूमिगत चल रहा है।
यूपी से नेपाल, बांग्लादेश और दुबई तक, जानिये कैसे फैला नकली कफ सिरप का मकड़जाल?
इस नेटवर्क को जमीन पर संभालने का काम अजय जायसवाल कर रहा था। आरोपी शुभम के करीबी अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। दोनों के कनेक्शन पूर्वांचल के एक बाहुबली नेता से भी जुड़ते मिले हैं। नेटवर्क कितना बड़ा है। इसका अंदाजा अभी बाकी है। SIT की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी। इस काले कारोबार के बड़े माफिया के नाम सामने आएंगे। गाजियाबाद से नितिन पराशर की रिपोर्ट।