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रायबरेली में समाजवादी पार्टी कार्यालय पर SIR प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी व पूर्व एमएलसी राम दक्ष यादव ने की। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता सक्रियता से काम कर रहे हैं और चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल उठाए।
समाजवादी पार्टी कार्यालय में SIR प्रक्रिया को लेकर अहम बैठक
Raebareli: समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय में बुधवार को SIR (सिनियरिटी, इंटीग्रिटी, रिपोर्टिंग) प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। पार्टी द्वारा नियुक्त SIR प्रभारी और पूर्व एमएलसी राम दक्ष यादव ने बैठक की अध्यक्षता की। इसमें जिले के विभिन्न ब्लॉक व जोन प्रभारी, पदाधिकारी और कई वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल हुए।
राम दक्ष यादव ने बताया कि वे पिछले एक सप्ताह से रायबरेली में रहकर SIR की संपूर्ण प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे सभी सक्रिय कार्यकर्ता बेहतरीन तरीके से काम कर रहे हैं। मैं स्वयं जगह-जगह जाकर स्थिति देख रहा हूं।” उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया संगठन को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर तैयारी का हिस्सा है।
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बैठक में चुनाव आयोग की भूमिका पर भी कई सवाल उठाए गए। राम दक्ष यादव ने कहा कि “2014 के बाद भाजपा सिर्फ बेईमानी के बल पर सत्ता में आई है। 2022 में हमारे वोट काटे गए थे। हमने चुनाव आयोग को 18,000 वोट कटने के साक्ष्य दिए, लेकिन आज तक किसी तरह का जवाब नहीं मिला।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पहले कभी इतनी नहीं गिरी थी। “यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन आयोग की स्थिति बेहद चिंताजनक है।” उन्होंने यह भी कहा कि पीडीए प्रहरी की ओर से लगातार शिकायतें और फैक्स आ रहे हैं, जिन पर पार्टी का सेल सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
पूर्व एमएलसी ने कहा कि बिहार, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में सत्ता के दुरुपयोग से विपक्षी नेताओं को परेशान किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब उत्तर प्रदेश में भी SIR प्रक्रिया का हव्वा खड़ा कर भाजपा चुनावी लाभ लेना चाहती है। उन्होंने कहा-“लेकिन यह उत्तर प्रदेश है, यहां समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का मजबूत संगठन है। 2027 में हम काम के आधार पर सरकार बनाएंगे।”
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जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या अखिलेश यादव को भी SIR फॉर्म भरना चाहिए, जैसा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, तो यादव ने टिप्पणी टालते हुए कहा-“डिप्टी सीएम खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखते हैं।” उन्होंने मांग की कि SIR जांच की अवधि कम से कम 3-4 माह बढ़ाई जानी चाहिए।