

मिर्गी के दौरे के दौरान सही तरीके से प्रतिक्रिया देना बेहद जरूरी होता है, ताकि दौरे के बाद व्यक्ति सुरक्षित रहे और कोई गंभीर नुकसान न हो। ऐसी स्थिति में कई लोग दौरे में पड़े व्यक्ति को पानी पिलाने का प्रयास करते हैं, जो कि गलत और खतरनाक हो सकता है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण अचानक दौरे पड़ते हैं। ये दौरे अचानक और अप्रत्याशित रूप से हो सकते हैं, जिसमें व्यक्ति की चेतना प्रभावित होती है। मिर्गी के दौरे के दौरान सही तरीके से प्रतिक्रिया देना बेहद जरूरी होता है, ताकि दौरे के बाद व्यक्ति सुरक्षित रहे और कोई गंभीर नुकसान न हो। ऐसी स्थिति में कई लोग दौरे में पड़े व्यक्ति को पानी पिलाने का प्रयास करते हैं, जो कि गलत और खतरनाक हो सकता है।
मिर्गी के दौरे के दौरान पानी क्यों नहीं पिलाना चाहिए?
गले में पानी फंसने का खतरा
मिर्गी के दौरे के दौरान व्यक्ति की मांसपेशियां अनियंत्रित तरीके से कांपती हैं। इस वजह से उसकी निगलने की क्षमता भी प्रभावित होती है। ऐसे में अगर दौरे में पड़े व्यक्ति को पानी पिलाने की कोशिश की जाए, तो पानी गले के रास्ते में फंस सकता है और गले में फंसा पानी सांस लेने में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
गले में दम घुटना
पानी के गले में फंसने से घुटन और सांस रुकने की समस्या हो सकती है, जिससे व्यक्ति की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
दौरे के दौरान मुंह बंद हो सकता है
दौरे के दौरान व्यक्ति का मुँह अचानक बंद हो सकता है, जिससे पानी पीने में असमर्थता होती है और यह पानी गले की नली में उलटा भी जा सकता है।
गला और दांतों को चोट लगने का खतरा
दौरे के दौरान मुँह में चोट लग सकती है। यदि पानी पिलाने की कोशिश की जाए, तो मुंह और दांतों की चोट और बढ़ सकती है।
मिर्गी के दौरे के दौरान क्या करें?
व्यक्ति को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएं ताकि वह चोट न खाए।
व्यक्ति को शांत रखें और उसके आसपास के खतरनाक वस्त्रों को हटा दें।
किसी कठोर वस्तु को व्यक्ति के मुँह में न डालें।
सिर को हल्का सा एक तरफ मोड़ दें ताकि यदि मुंह से लार या उल्टी हो, तो वह बाहर निकल सके।
व्यक्ति को तब तक संभालें जब तक दौरा पूरी तरह खत्म न हो जाए।
अगर दौरा 5 मिनट से अधिक समय तक चलता रहे या बार-बार आता रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मिर्गी के दौरे के बाद क्या करें?
दौरे के खत्म होने के बाद व्यक्ति को आराम करने दें। उसे धीरे-धीरे पानी या भोजन दें, जब वह पूरी तरह होश में आ जाए। मिर्गी की दवाइयों को नियमित रूप से लें और डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।