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महराजगंज जिले के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने मध्यप्रदेश cadre के IAS अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है। आरोप है कि अधिकारी ने सोशल मीडिया व न्यूज चैनलों पर ऐसा बयान दिया, जिसमें कथित तौर पर सनातनी हिंदू ब्राह्मणों को अपमानित करने वाली टिप्पणी की गई।
अधिवक्ता ने थाने में दी तहरीर
Maharajganj: महराजगंज जिले के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के विवादित बयान पर गंभीर नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस से कठोर कार्रवाई की मांग की है। प्रार्थी ने थाने में दी गई तहरीर में कहा कि 25 नवंबर 2025 की रात लगभग 9 बजे वे सोशल मीडिया, न्यूज चैनल और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर समाचार देख रहे थे, तभी उनकी नजर एक वीडियो पर पड़ी जिसमें संतोष वर्मा नामक IAS अधिकारी द्वारा कथित रूप से सनातनी हिंदू ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही थी।
अधिवक्ता का आरोप है कि अधिकारी ने अपने बयान में ब्राह्मण समाज को लेकर अत्यंत असंवेदनशील और विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि “जब तक ब्राह्मण अपनी बेटी दान न दे तब तक आरक्षण मिले।” अधिवक्ता विनय पाण्डेय के अनुसार यह टिप्पणी न केवल सामाजिक समरसता को चोट पहुँचाती है, बल्कि समाज में जातिगत तनाव फैलाने की भी कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सनातनी हिंदू ब्राह्मण हैं और इस टिप्पणी ने उन्हें गहरा दुख, क्षोभ और अपमान का अनुभव कराया है।
प्रार्थी ने बताया कि जब उन्होंने यह मुद्दा अपने साथियों—विकास पाण्डेय, उपेन्द्र मिश्र, जोखन प्रसाद, दिग्विजय नाथ आदि—से साझा किया तो सभी ने इस बयान पर आक्रोश जताया और इसे ब्राह्मण समाज का अपमान बताया। अधिवक्ता ने कहा कि संतोष वर्मा जैसे उच्च पद पर बैठे अधिकारी द्वारा ऐसी टिप्पणी करना अस्वीकार्य और कानूनन दंडनीय है।
अपने प्रार्थना-पत्र में अधिवक्ता ने स्पष्ट लिखा है कि यह बयान समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाला, भड़काऊ और सनातन धर्म तथा ब्राह्मण समुदाय का अपमान करने वाला है। इससे वे व्यक्तिगत रूप से अपमानित महसूस कर रहे हैं तथा सामाजिक धमकी का भी अनुभव हुआ है।
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अधिवक्ता ने जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए आरोपी IAS अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि समाज में शांति, सद्भाव और कानून व्यवस्था बरकरार रह सके।