

हरिद्वार में कांवड़ मेले के समापन के बाद जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर सफाई अभियान शुरू किया है। भारी संख्या में पहुंचे कांवड़ यात्रियों के कारण जगह-जगह फैले कूड़े को हटाने के लिए सैकड़ों सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है। डीएम मयूर दीक्षित ने स्वयं निरीक्षण कर अधिकारियों को जल्द सफाई पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
सफाई की बड़ी चुनौती बना कांवड़ मेला (सोर्स-गूगल)
Uttarakhand: कांवड़ मेला 2025 के समापन के बाद, उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में सफाई व्यवस्था प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। इस बार सावन के पवित्र महीने में रिकॉर्ड 4 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु हरिद्वार पहुँचे, जिससे धार्मिक आस्था का अद्भुत नज़ारा तो देखने को मिला, लेकिन इसके बाद शहर को साफ़-सुथरा रखना एक गंभीर प्रशासनिक चुनौती बन गया।
इतनी भारी भीड़ हज़ारों टन कचरा छोड़ गई
श्रद्धालु भावनाओं में डूबे रहे, लेकिन उनके जाने के बाद, हरिद्वार की सड़कों, घाटों और सार्वजनिक स्थानों पर हज़ारों टन कचरा बिखरा पड़ा रहा। प्लास्टिक की बोतलें, खाने के पैकेट, कपड़े, चप्पलें और अन्य बेकार चीज़ें जगह-जगह बिखरी मिलीं। घाटों पर रखी पूजा सामग्री और फूलों की थालियों ने भी गंगा तटों की सफाई को प्रभावित किया। इस कचरे ने न केवल शहर की सुंदरता को प्रभावित किया, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से भी गंभीर खतरा पैदा कर दिया।
डीएम खुद मैदान में उतरे, दिए सख्त निर्देश
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने खुद सफाई व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पूरे शहर की सफाई 48 से 72 घंटों के भीतर करनी होगी। डीएम ने नगर निगम, ग्राम पंचायत, स्वच्छ भारत मिशन के तहत गठित सभी टीमों और निजी सफाई एजेंसियों को आपसी समन्वय से काम करने के आदेश दिए। उनके नेतृत्व में सैकड़ों सफाई कर्मचारियों की टीम दिन-रात सफाई में जुटी है, खासकर हर की पौड़ी, भीड़-भाड़ वाले बाजारों, पार्किंग स्थलों और प्रमुख मार्गों पर।
हरिद्वार में कांवड़ मेले के बाद सफाई अभियान (सोर्स-गूगल)
कचरा निपटान मिशन मोड में चल रहा है
प्रशासन ने इस अभियान को 'मिशन स्वच्छ हरिद्वार' नाम दिया है, जिसके तहत न केवल कचरा हटाया जा रहा है, बल्कि कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान भी सुनिश्चित किया जा रहा है। प्लास्टिक कचरे को अलग करके रिसाइकिलिंग यूनिट में भेजा जा रहा है और बायोडिग्रेडेबल कचरे को खाद में बदला जा रहा है। नगर निगम द्वारा रात में विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि यातायात प्रभावित न हो और काम तेजी से हो सके।
स्वच्छता के साथ कुंभ की तैयारियों का पूर्वाभ्यास
डीएम दीक्षित ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल स्वच्छता अभियान नहीं है, बल्कि 2027 में प्रस्तावित कुंभ मेले की तैयारियों का भी एक हिस्सा है। उन्होंने कहा, "भविष्य में हरिद्वार में विश्वस्तरीय आयोजन होने हैं, इसलिए हमें अभी से व्यवस्था में सुधार करना होगा।" प्रशासन इस अवसर को एक व्यवस्थागत सुधार के रूप में देख रहा है, ताकि भविष्य में धार्मिक आयोजनों का आयोजन और अधिक सुचारू रूप से हो सके।
एक सोच के साथ काम चल रहा है
प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आने वाले समय में हरिद्वार स्वच्छ रहे, खासकर जब कुंभ जैसे विश्वस्तरीय आयोजन सामने हों। वर्तमान में सफाई अभियान तेज़ी से चल रहा है और प्रशासन को विश्वास है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर शहर को पूरी तरह से स्वच्छ बना दिया जाएगा।