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IMD ने बताया कि मानसून के सक्रिय होने के बाद प्रदेश में झमाझम बारिश होगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक (इमेज सोर्स-इंटरनेट)
देहरादून: मौसम विभाग ने उत्तराखंड में झमाझम बारिश के आसार बताए हैं। इस बार प्रदेश में छह फीसदी अधिक बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में 10 जून तक मानसून दस्तक देगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार उत्तराखंड में मानसून 5 से 6 दिन पहले आ जाएगा। वहीं बारिश भी 6 फीसदी अधिक होने की संभावना है।
मौसम विभाग केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, जून के पहले सप्ताह में प्री मानसून की अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। खासकर पहाड़ी जिलों में तेज दौर की बारिश होगी। हालांकि पांच जून के बाद लोगों को बारिश से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। इससे पहले उत्तराखंड में कई जगहों पर हल्की बारिश होती रहेगी, जिसे प्री मानसून शॉवर भी कहा जा सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वहीं 10 जून के बाद प्रदेश में मानसून सक्रिय हो जाएगा। पोस्ट मानसून आने के बाद बारिश भी जोर पकड़ेगी।
मानसून के सक्रिय होने के बाद प्रदेश में झमाझम बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार, इस साल उत्तराखंड में बारिश लंबी अवधि के औसत (87 सेमी) से 6% अधिक होगी, जो 108% तक पहुंच सकती है। इससे नदियों के जलस्तर में वृद्धि और कुछ क्षेत्रों में बाढ़ या भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है।
आईएमडी के अनुसार जून के पहले सप्ताह में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जैसे पर्वतीय जिलों में तेज बारिश और गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका है। मैदानी इलाकों (देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर) में हल्की से मध्यम बारिश होगी। 5 जून तक बारिश का दौर थमेगा, लेकिन 10 जून से मानसून की शुरुआत के साथ बारिश फिर तेज होगी।
इस बार बारिश का औसत 108 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर में तेज बारिश होगी। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। वही प्रदेश के कुछ इलाकों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है।
मानसून के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने आगामी मानसून में उत्तराखण्ड के लिए सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वनुमान लगाया है। ऐसे में उत्तराखण्ड के लिए 15 जून से सितंबर तक आपदा की नजर से महत्वपूर्ण समय है। उत्तराखण्ड राज्य बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन, भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इनसे बचने के लिए बेहतर पूर्वानुमान, बुनियादी ढांचों, जन जागरूकता, बेहद जरूरी है।