

स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में इंदौर ने सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता। उत्तराखंड के लाल कुआं को 20,000 से कम जनसंख्या वाले शहरों में राज्य का पहला स्वच्छ पुरस्कार मिला। पढ़ें पूरी खबर
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025
Lalkuan: स्वच्छता के क्षेत्र में हर साल नई ऊंचाइयों को छूने वाली भारतीय शहरों की सूची में इस बार भी मध्य प्रदेश का इंदौर सबसे स्वच्छ शहर के रूप में उभरा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के तहत, इंदौर ने एक बार फिर अपने सफाई कार्यों और नगर निगम की सफलता से पहले स्थान को बरकरार रखा है। वहीं, गुजरात के अहमदाबाद ने बड़े शहरों में सबसे स्वच्छ होने का खिताब जीता है।
लाल कुआं को मिला अवार्ड
हालांकि उत्तराखंड के लिए इस समारोह में एक खुशखबरी भी आई। उत्तराखंड के एकमात्र शहर लाल कुआं को 20 हजार से कम जनसंख्या वाली केटेगरी में राज्य में पहला पुरस्कार प्रदान किया गया है। अवार्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में आज यानी गुरुवार को दिया गया है।
राष्ट्रपति ने 74 पुरस्कारों पुरस्कार बांटे
विज्ञान भवन में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह 2024 के दौरान लालकुआं, नैनीताल को उत्तराखंड के होनहार स्वच्छ शहर से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति मुर्मु ने 75 शहरों के बीच 74 पुरस्कारों को चार श्रेणियों में बांटते हुए पुरस्कार प्रदान किए।
नगर पंचायत के अध्यक्ष ने ग्रहण किया अवार्ड
लाल कुआं नगर पंचायत को यह सम्मान उनके स्वच्छता अभियानों और निरंतर प्रयासों के लिए दिया गया। नगर पंचायत के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी और अधिशासी अधिकारी राहुल कुमार सिंह ने राष्ट्रपति से यह पुरस्कार ग्रहण किया। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मौके पर विशेष रूप से इस शहर की सराहना की और कहा कि छोटे शहरों के स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
देश के सबसे स्वच्छ शहर
देश के सबसे स्वच्छ शहरों में इंदौर पहले स्थान पर रहा, वहीं छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर दूसरे और कर्नाटक का मैसूर तीसरे स्थान पर रहा। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में अहमदाबाद ने पहला स्थान हासिल किया। अहमदाबाद की सफाई पहल और इसके समर्पित प्रयासों को देखते हुए यह पुरस्कार उन्हें मिला है, खासकर इस वजह से कि शहर को 2036 के ओलंपिक खेलों के लिए केंद्र सरकार ने अपनी मेज़बानी के लिए नामांकित किया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 का यह आयोजन भारतीय शहरों में स्वच्छता को बढ़ावा देने और नागरिकों में जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।