हरिद्वार में ढोंगी बाबाओं का पर्दाफाश, ऑपरेशन कालनेमि में दो ढोंगी बाबा गिरफ्तार

हरिद्वार पुलिस ने “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत बहादराबाद से दो फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी साधु-संत का वेश धारण कर महिलाओं को चमत्कार और तंत्र-मंत्र के नाम पर ठगते थे।

Post Published By: रवि पंत
Updated : 14 September 2025, 4:03 AM IST
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Haridwar: हरिद्वार जिले में धर्म की आड़ में ठगी करने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए “ऑपरेशन कालनेमि” नामक अभियान की शुरुआत की है। इसी अभियान के तहत शनिवार को बहादराबाद थाना क्षेत्र से दो ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया।

ये दोनों व्यक्ति वर्षों से साधु-संत का वेश धारण कर, खासकर महिलाओं और पीड़ित परिवारों को निशाना बना रहे थे। खुद को चमत्कारी गुरु और तांत्रिक बताकर वे लोगों को यह यकीन दिलाते थे कि वे किसी भी समस्या जैसे संतान प्राप्ति, पति-पत्नी के झगड़े, स्वास्थ्य या आर्थिक परेशानियों का समाधान कर सकते हैं।

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अंधविश्वास का व्यापार, चमत्कार की ठगी

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ये ढोंगी बाबा झूठे टोटकों और नकली पूजा-पाठ के बहाने लोगों से हजारों से लाखों रुपये ठगते थे। इनके पास कोई वैध प्रमाण या धार्मिक संस्था से जुड़ाव नहीं था। ये जगह-जगह डेरा डालते थे और गुप्त पूजा, भूत-प्रेत बाधा निवारण और कुंडली दोष जैसे बहानों से भोले-भाले लोगों को डराकर उनसे पैसा ऐंठते थे।

महिलाएं बनती थीं मुख्य शिकार

ढोंगी बाबाओं का सबसे बड़ा निशाना महिलाएं थीं। विशेष रूप से वे महिलाएं जो किसी निजी या पारिवारिक संकट से गुजर रही थीं। आरोपी उन्हें भरोसे में लेकर बताते थे कि "एक विशेष अनुष्ठान" से उनकी समस्या दूर हो जाएगी। इसके लिए वे सोना, नकद धनराशि या घर की वस्तुएं भी पूजा के नाम पर ले लेते थे।

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कई पीड़ित महिलाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने इन बाबाओं के कहने पर अपनी जमा-पूंजी तक सौंप दी थी, लेकिन किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ। उल्टा, उन्हें मानसिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

पुलिस की सतर्कता और “ऑपरेशन कालनेमि”

बहादराबाद थाना पुलिस ने स्थानीय सूचनाओं और खुफिया जानकारी के आधार पर इन बाबाओं पर निगरानी रखनी शुरू की थी। जांच में यह भी पाया गया कि इनका कोई स्थायी ठिकाना नहीं था और वे समय-समय पर जगह बदलते रहते थे। पुलिस टीम ने छापा मारकर दोनों को मौके से गिरफ्तार किया और उनके पास से कुछ रुपये, झूठे पूजा-पाठ के सामान और लोगों की सूचनाएं दर्ज रजिस्टर भी बरामद किए।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि “ऑपरेशन कालनेमि” धर्म के नाम पर चल रहे पाखंड, ठगी और अंधविश्वास के खिलाफ एक निर्णायक अभियान है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि धर्म का उपयोग यदि किसी के आर्थिक शोषण और मानसिक उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है तो वह साफ तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है।

पुलिस का क्या कहना है?

हरिद्वार पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी चमत्कारी दावे या तंत्र-मंत्र के झांसे में न आएं। किसी संदिग्ध बाबा या ढोंगी व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें। यह भी सलाह दी गई है कि किसी भी धार्मिक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि की जांच अवश्य करें।

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