

उत्तराखंड के चमोली स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
मनमोहक फूलों की घाटी
चमोली: उत्तराखंड के चमोली में विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में देश विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक दीदार करने पहुंचते हैं। इस बार पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अभी तक 52 विदेशी समेत 3428 पर्यटक यहां आ चुके हैं।
फूलों की घाटी में इस समय अलग-अलग प्रजाति के फूल खिल रहे हैं। रंग-बिरंगे फूलों की खूशबू से महक रही फूलों की घाटी विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पर्यटक अनायास ही इस सुंदर घाटी की तरफ चला आता है।
बता दें कि पिछले साल 26 जून तक घाटी में 30 विदेशी पर्यटक आए थे, लेकिन इस साल 52 पर्यटक आ चुके हैं। बृहस्पतिवार को घाटी में 26 विदेशी पर्यटक पहुंचे जिसमें 19 रूस के और सात लिथुआनिया के हैं।
फूलों की घाटी
उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी (Valley of Flowers) रविवार यानी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। 31 अक्तूबर को शीतकाल के लिए इसे बंद कर दिया जाता है।
जानकारी के अनुसार विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में करीब 500 से अधिक देसी-विदेशी फूल खिलते हैं। इनमें ब्रह्मकमल, ब्लू पोपी, प्रिमुला, कोबरा लिली और कई दुर्लभ प्रजातियां शामिल है। ये फूलों की घाटी अपनी मनमोहक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। घाटी में बर्फ पिघलने के बाद फूलों का खिलना शुरू हो जाता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं।
फूलों की घाटी पहुंचे देशी-विदेशी सैलानी
यह घाटी वर्ष 2005 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध की गई थी और इसे संरक्षित जैव विविधता के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त है।
प्रकृति प्रेमियों, ट्रैकिंग के शौकीनों और फोटोग्राफरों के लिए यह घाटी एक स्वर्ग समान है। वन विभाग ने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिदिन सीमित संख्या में पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति देने की व्यवस्था की है।
यह घाटी अपने रंग-बिरंगे फूलों और शांत वातावरण के कारण देश-विदेश के सैलानियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहती है। जीवन की भागदौड़ और रोजमर्रा के जीवन में उपजे तनाव को दूर करने के लिए वह यहां शांति का पल बिताता है।
फूलों की घाटी वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल घाटी में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। इस समय वहां ब्लू पॉपी भी खिले हुए हैं, इसे हिमालयी फूलों की रानी भी कहा जाता है। यह फूल अगस्त तक खिला रहता है।