

कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होने जा रही है, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन लगातार बैठकें कर रहा है ताकि यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
नेम प्लेट पर बड़ा बयान
देहरादून: कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होने जा रही है, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन लगातार बैठकें कर रहा है ताकि यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। इस पर वहीं धामी सरकार ने कांवड़ को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिसमें कांवड़ मार्ग पर स्थित होटल और ढाबों में खाद्य सामग्री बेचने वालों को फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं बिना लाइसेंस के खाद्य सामग्री बेचने वालों पर जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, वहीं होटल-ढाबा संचालकों का मानना है कि फूड लाइसेंस होना इसलिए भी जरूरी है ताकि किसी शिवभक्त को कोई परेशानी न हो।
कांवड़ मार्ग पर नेम प्लेट विवाद
बता दें कि कांवड़ के दौरान कई लोग अपनी आजीविका के लिए अस्थाई ढाबे लगाते हैं। साथ ही पुलिस प्रशासन ने भी कहा है कि होटल कर्मचारियों की सूची, सत्यापन, रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य है। साथ ही नेम प्लेट लगवाने को कहा है ताकि कोई परेशानी न हो। कांवड़ मार्ग पर नेम प्लेट विवाद को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है। सीएम धामी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा। थूक जिहाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांवड़ में खाने-पीने की चीजें शुद्ध होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि खाने में अशुद्धियों पर कार्रवाई की जाएगी।
शिव भक्त कांवड़ियों को शुद्ध भोजन
उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ मार्ग पर बने होटल और ढाबों पर लाइसेंस और नेम प्लेट लगाने के फैसले का साधु-संत स्वागत कर रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह फैसला बेहद सराहनीय है। क्योंकि कांवड़ मेले में करोड़ों सनातनी श्रद्धालु आस्था लेकर हरिद्वार आते हैं, ऐसे में उन्हें अशुद्ध भोजन देना या उसमें आपत्तिजनक चीजें मिलाना घृणित है। सरकार के इस फैसले से पारदर्शिता आएगी और शिव भक्त कांवड़ियों को शुद्ध भोजन मिल सकेगा।
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