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देहरादून के डोईवाला में पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुक्सान करने का मामला सामने आया है। भू-माफियाओं ने अवैध प्लाटिंग के लिए ग्रामीण क्षेत्र में आम के पेड़ों पर आरिया चला दी। पेड़ों को ठिकाने लगाने के बाद उनके ठूंठ को भी गायब करने का प्रयास किया गया है। जिससे पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुँच रही है।
डोईवाला में आम के पेड़ों पर चली आरियां
Dehradun: जनपद के डोईवाला में अवैध प्लाटिंग के लिए पेड़ काटकर पर्यावरण को नुक्सान करने का मामला सामने आया है। भू-माफियाओं और प्रोपर्टी डीलरों ने अवैध प्लाटिंग के लिए ग्रामीण क्षेत्र में हरे भरे आम के पेड़ों की कटाई कर दी। पेड़ों को ठिकाने लगाने के बाद उनके ठूंठ को भी गायब करने का प्रयास किया गया है। मशीनों से उनके ठूंठ को ठिकाने लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि डोईवाला के दूरस्थ क्षेत्र थानों में उद्यान विभाग के कार्यालय से थोड़ा दूर पर ही बगीचे में खड़े आम के पेड़ों को मशीन की मदद से काटकर उनके ठूंठ को गायब कर दिए गए हैं। मामले ने तूल पकड़ा तो पेड़ों की टहनियों को भी छिपाने की कोशिश की गई।
आम के पेड़ के तनों को मशीन से हठाते हुए
जानकारी के अनुसार करीब 10 आम के पेड़ों को बिना अनुमति लिए काट दिया गया। आम के यह दोनों बगीचे थाना रायपुर मुख्य मार्ग से कुछ दूरी पर स्थित हैं।
कटे आम के पेड़ों को जलाकर सबूत मिटाते हुए
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि अवैध प्लाटिंग के लिए क्षेत्र की हरियाली को तहस-नहस किया जा रहा है। कौन लोग हैं जो प्लाटिंग के लिए हरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। विभाग की खामोशी भी कुछ अलग संकेत दे रही है। उद्यान विभाग के अधिकारी इस मामले को अभिज्ञा होना बता रहे हैं।
संबंधित विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। इस अवैध गतिविधि से न केवल पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो रहा है, बल्कि स्थानीय राजस्व भी भारी नुकसान झेल रहा है। पेडों के अवैध कटान से जल स्रोतों में कमी और गर्मी बढ़ रही है। बल्कि स्थानीय वन्यजीवों के लिए भी एक बड़ा संकट उत्पन्न कर रहा है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि उद्यान विभाग, वन विभाग, एमडीडीए और राजस्व विभाग को इस अवैध प्लाटिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, लेकिन विभागों की संदिग्ध चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।