

नौतनवा तहसील परिसर में उपनिबंधक के खिलाफ क्रमिक अनशन कर रहे एडवोकेट नागेंद्र शुक्ला ने आज बड़ा प्रदर्शन किया। उन्होंने उपनिबंधक की सांकेतिक शवयात्रा निकाली और पुतला दहन करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप कर पुतला छीन लिया।
सांकेतिक शवयात्रा निकालते अनशनकारी
Nautanva: जनपद के नौतनवा तहसील में गुरुवार को माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब उपनिबंधक संदीप गौड़ के खिलाफ आंदोलन कर रहे एडवोकेट नागेंद्र शुक्ला ने तहसील परिसर में सांकेतिक शवयात्रा निकाल दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, एडवोकेट नागेंद्र शुक्ला पिछले 46 दिनों से क्रमिक अनशन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि तहसील उपनिबंधक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और आम जनता के कामकाज में लगातार अनियमितताएं की जा रही हैं। इसी मुद्दे पर कार्रवाई की मांग करते हुए वे लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
गुरुवार को विरोध के क्रम में उन्होंने उपनिबंधक का सांकेतिक शवयात्रा निकालते हुए राम नाम सत्य है का नारा लगाया और परंपरागत ढंग से पिंडदान भी किया। शवयात्रा के दौरान परिसर में “उपनिबंधक मुर्दाबाद” के नारे गूंजते रहे। विरोध के इस अप्रत्याशित रूप से मामला तूल पकड़ गया। शवयात्रा में शुक्ला के साथ दर्जनों अधिवक्ता और स्थानीय लोग शामिल थे।
स्थिति उस समय गंभीर हो गई जब नागेंद्र शुक्ला ने उपनिबंधक का पुतला जलाने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद नौतनवा पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए पुतला छीन लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से तहसील परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के बाद तहसील परिसर में दिनभर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना के दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता और स्थानीय लोग मौजूद थे। कई लोग पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी भी जताते दिखे। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर अभी तक उपनिबंधक के खिलाफ किसी भी तरह की आधिकारिक जांच की पुष्टि नहीं हुई है।
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नागेंद्र शुक्ला ने पुलिस हिरासत में जाने से पहले कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस घटना से तहसील परिसर में दिनभर गरमा-गरमी बनी रही और लोगों के बीच चर्चा का विषय रहा।