संसद में उठा ऊंचाहार अमेठी की सालों से अटकी रेलवे लाइन का मुद्दा

राज्यसभा में कहा कि ऊंचाहार-अमेठी रेल लाइन उत्तर प्रदेश के रायबरेली और अमेठी जिलों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण लेकिन अटकी हुई परियोजना है, जिसे 2013 में मंजूरी मिली थी, जो अब तक सर्वे, भूमि अधिग्रहण और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के कारण अधूरी है।

Raebareli: रायबरेली में प्रस्तावित ऊंचाहार अमेठी रेल लाइन को लेकर राज्यसभा के सांसद प्रमोद कुमार तिवारी ने प्रश्न पूछा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने राज्यसभा में कहा कि ऊंचाहार-अमेठी रेल लाइन उत्तर प्रदेश के रायबरेली और अमेठी जिलों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण लेकिन अटकी हुई परियोजना है, जिसे 2013 में मंजूरी मिली थी, जो अब तक सर्वे, भूमि अधिग्रहण और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के कारण अधूरी है; यह लाइन 66.17 किमी लंबी है और तीन जिलों (रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़) को जोड़ेगी, जिसके लिए नया अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण चल रहा है।

उन्होंने कहा कि रायबरेली और अमेठी के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना, जिससे प्रतापगढ़ और अन्य क्षेत्रों के 81 गांवों को लाभ होगा। 66.17 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन का शिलान्यास 26 नवंबर, 2013 को किया गया था। यूपीए सरकार ने 1331 करोड़ रूपये का बजट भी निर्धारित किया था।अस्सी के दशक में जिले को अमेठी होते हुए अयोध्या से रेलपथ के माध्यम से जोड़ने की आवाज उठी थी।

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जिसमें ऊंचाहार से सलोन होते हुए अमेठी जोड़ने के लिए 380 करोड़, रायबरेली से तिलोई के रास्ते अकबरगंज व इन्हौंना रेल लाइन के लिए 296 करोड़, अबकरगंज को अमेठी के बाजार शुकुल के रास्ते आयोध्या से जोड़ने के लिए 655 करोड़ रूपये की लागत से रेलवे लाइन का निर्माण होना था। रेल लाइन रायबरेली, अमेठी और प्रतापगढ़ के 66 गांवों से होकर गुजरनी थी।

मंत्रालय से विशेष परियोजना घोषित होने के बाद वर्ष 2018-19 में इसके लिए भूमि का सर्वे और चिन्हांकन कराया गया। अमेठी व प्रतापगढ़ के 27 गांवो में अधिग्रहण की प्रक्रिया बढ़ी, लेकिन सलोन में जिस रास्ते से लाइन जानी थी, वहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित था।

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इस मार्ग पर 7 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें सलोन भी शामिल है। रायबरेली के सलोन में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने के कारण रेलवे लाइन के प्रस्तावित मार्ग में बाधा आ गई, जिससे भूमि अधिग्रहण रुक गया। परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) और भूमि सर्वेक्षण पहले ही हो चुके थे, लेकिन अब एक नया FLS (अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण) चल रहा है।यह परियोजना दशकों से अटकी हुई है और इसे पूरा करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार आवाज उठाई जा रही है। यह परियोजना कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन भूमि अधिग्रहण और औद्योगिक क्षेत्र के कारण इसमें देरी हुई है, फिलहाल रेलवे इसकी फिर से जांच कर रहा है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर काम शुरू होगा।

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 14 December 2025, 8:14 PM IST