सपा सांसद रामजीलाल सुमन का आगरा पुलिस ने रोका रास्ता, कहा- आप नहीं जा सकते दलित लड़की से मिलने, जानिए पूरा मामला

राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को सोमवार की सुबह पुलिस ने उनके आवास के बाहर रोक दिया। पुलिस और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच इस दौरान तीखी नोकझोंक देखने को मिली। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 26 May 2025, 6:54 PM IST
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आगरा: समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास के बाहर सोमवार की सुबह से ही पुलिस का भारी बंदोबस्त देखा गया। पुलिस को जानकारी मिली थी कि सांसद मथुरा जाने वाले हैं, जहां वे एक दलित परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे। मथुरा के भूरेका गांव में एक दलित लड़की की शादी के दौरान दबंगों द्वारा मारपीट की घटना घटी थी, जिसके बाद सांसद ने वहां जाकर पीड़ित परिवार से मिलने का फैसला लिया था। लेकिन पुलिस ने उन्हें इस यात्रा से रोकने के लिए कदम उठाए और सांसद के आवास के बाहर बैरियर लगा दिए। जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सुबह करीब 11 बजे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आदेश पर सांसद रामजीलाल सुमन को 9 सदस्यीय दल के साथ मथुरा के भूरेका गांव जाने का कार्यक्रम था। लेकिन इससे पहले कि सांसद अपने दल के साथ मथुरा के लिए रवाना होते, पुलिस ने उनके आवास एचआईजी फ्लैट पर बैरियर लगा दिए। जैसे ही सांसद अपने घर से बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें मथुरा जाने से रोक दिया। इस पर सांसद और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।

सांसद ने फाड़ा पुलिस का नोटिस

सांसद ने पुलिस द्वारा रोके जाने पर विरोध जताया और पुलिस को यह कदम सरकार की तानाशाही बताया। जब पुलिस ने उन्हें एक नोटिस थमाया तो सांसद ने उसे फाड़कर फेंक दिया। जिससे मामला और गरमा गया। सांसद की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उन्हें एक सामाजिक कार्य के लिए मथुरा जाने से रोका जा रहा था।

दलित लड़की की शादी में दबंगों द्वारा मारपीट

मथुरा के भूरेका गांव में हुई इस घटना के बारे में सांसद रामजीलाल सुमन ने बताया कि गांव में एक दलित लड़की की शादी में कुछ दबंगों ने मारपीट की थी। इस घटना ने पूरी दलित समुदाय को आहत किया और सांसद ने वहां जाकर पीड़ित परिवार से मिलने का फैसला लिया था। उनका कहना था कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है और सरकार को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने चाहिए।

सांसद ने इसे तानाशाही बताया

मथुरा जाने से रोकने पर नाराज सांसद ने पुलिस को बताया कि यह सरकार की तानाशाही है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा, "मैं एक सामाजिक कार्य के लिए जा रहा था, लेकिन मुझे पुलिस द्वारा रोका जा रहा है। यह सरकार की तानाशाही और दबाव बनाने की कोशिश है। मैं इस पर खामोश नहीं रहूंगा।"

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

पुलिस ने सांसद को मथुरा जाने से रोका, लेकिन सांसद का कहना था कि यह केवल राजनीतिक दबाव है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा जाना चाहिए। पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए गए हैं कि क्या यह केवल एक व्यक्तिगत यात्रा को रोकने की कोशिश थी या फिर राजनीतिक दबाव का परिणाम था। इस घटना के बाद सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा कि उन्हें मथुरा जाने से रोकने की कोशिश से वे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे दलित समुदाय की आवाज उठाते रहेंगे और इस मामले में सरकार की प्रतिक्रिया की कड़ी आलोचना करेंगे।

पुलिस अधिकारियों का बयान

हालांकि पुलिस अधिकारी इस मामले में अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं और उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया गया था। पुलिस ने बताया कि सांसद के मथुरा जाने की योजना के बारे में उन्हें सूचना मिली थी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया था।

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