

मैनपुरी में राजस्व न्यायालय को बंद किए जाने के विरोध में जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। वकीलों का आरोप है कि न्यायालय में महीनों से कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे हजारों वाद प्रभावित हो रहे हैं।
राजस्व न्यायालय की कार्यवाही ठप
Mainpuri News: मैनपुरी में राजस्व न्यायालय (Revenue Court) को बंद किए जाने के विरोध में वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन जिला बार एसोसिएशन के वकीलों द्वारा शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में किया जा रहा है।
डीएम से मुलाक़ात के बाद हड़ताल का ऐलान
वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी (DM) से मिला, जहां उन्होंने राजस्व न्यायालय में कार्यवाही फिर से शुरू करने की मांग रखी। मुलाक़ात विफल रहने के बाद अधिवक्ताओं ने डीएम के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने की घोषणा की।
लंबित मामलों की सुनवाई न होने से बढ़ा आक्रोश
जिला बार एसोसिएशन के वकीलों ने बताया कि राजस्व न्यायालय में कई मामले महीनों से लंबित हैं, लेकिन अदालत में सुनवाई पूरी तरह ठप है। इससे न्याय की प्रक्रिया बाधित हो रही है और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वकीलों की आपात बैठक में लिया गया फैसला
राजस्व कोर्ट की लगातार अनदेखी से नाराज वकीलों ने आपातकालीन बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। बैठक में सैकड़ों वकीलों ने हिस्सा लिया और डीएम पर न्यायिक प्रक्रिया को ठप करने का आरोप लगाया।
जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने दी चेतावनी
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सर्वेंद्र यादव ने कहा कि राजस्व न्यायालय में सुनवाई बंद होने से हजारों वाद प्रभावित हो रहे हैं। हमारी मांग है कि तुरंत कोर्ट की कार्यवाही शुरू की जाए। जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, हम पीछे नहीं हटेंगे।
जनता को हो रही है भारी परेशानी
राजस्व न्यायालय बंद होने के कारण न केवल वकील, बल्कि सैकड़ों वादी भी परेशान हैं। जमीन, दाखिल-खारिज, विरासत और अन्य राजस्व संबंधित मामलों की सुनवाई न होने से न्याय की प्रक्रिया ठप हो गई है। इससे आम नागरिकों को समय, पैसा और मानसिक रूप से नुकसान हो रहा है।
प्रशासन पर दबाव
अब यह मुद्दा केवल वकीलों का नहीं, बल्कि आम जनता का भी बन गया है। प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वह जल्द कोई ठोस कदम उठाए और न्यायालय में कार्यवाही को बहाल करे। बार एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि अगर प्रशासन ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो विरोध और तेज़ होगा।