गोरखपुर में बालश्रम पर चला पुलिस का डंडा, 9 दुकानदारों पर केस दर्ज

गोरखपुर पुलिस ने बालश्रम और बाल शोषण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। एसएसपी राज करन नय्यर के निर्देशन में एएचटी थाना और श्रम विभाग की संयुक्त टीम ने जिलेभर में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के तहत व्यापक कार्रवाई कर सशक्त संदेश दिया।

Gorakhpur: बालश्रम और बाल शोषण के खिलाफ गोरखपुर पुलिस ने एक बड़ा अभियान चलाकर बड़ा संदेश दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक अपराध के मार्गदर्शन में गुरुवार को थाना एएचटी (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) की टीम ने श्रम विभाग के सहयोग से जिले में व्यापक स्तर पर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन का विशेष अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस व श्रम विभाग की टीम ने जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए और छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों, उद्योगों, दुकानों, ईंट-भट्टों व निर्माण स्थलों की गहन चेकिंग की।

अभियान के तहत थाना क्षेत्र खोराबार में की गई जांच में नौ दुकानों पर नाबालिग बच्चों से काम कराए जाने की पुष्टि हुई। इस पर श्रम विभाग की टीम ने दुकानदारों के खिलाफ चालान की कार्यवाही की और सभी को कड़ी चेतावनी दी कि 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को काम पर रखना कानूनन अपराध है, जिसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है।

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इस विशेष अभियान को “बचपन बचाओ आंदोलन” और “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” जैसे सामाजिक अभियानों से जोड़ा गया, ताकि समाज में यह संदेश जा सके कि बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। टीम ने दुकानदारों और आम नागरिकों को समझाया कि बालश्रम केवल बच्चों के अधिकारों का हनन ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।

अभियान के दौरान पुलिस और श्रम विभाग ने आमजन को आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों की भी जानकारी दी। लोगों को बताया गया कि बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति या किसी भी प्रकार के शोषण की स्थिति में तत्काल मदद के लिए 1090, 1098, 108, 112 और 1076 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। इन नंबरों पर मिलने वाली सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

गोरखपुर पुलिस का यह प्रयास समाज में बालश्रम के खिलाफ सख्त संदेश देने वाला माना जा रहा है। अभियान के जरिए न सिर्फ दुकानदारों को चेतावनी दी गई बल्कि आम जनता को भी जागरूक किया गया कि यदि वे अपने आसपास किसी बच्चे को श्रम करते देखें तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस या संबंधित विभाग को दें। पुलिस का मानना है कि जनसहभागिता से ही इस सामाजिक बुराई को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।

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इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि गोरखपुर पुलिस बाल सुरक्षा और बच्चों के अधिकारों को लेकर पूरी तरह गंभीर है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही जारी रहेगी।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 26 September 2025, 9:53 AM IST