

गोरखपुर में बनारस अधिवक्ता उत्पीड़न के विरोध में भारी प्रदर्शन हुआ। अधिवक्ताओं ने कमिश्नर कार्यालय पर धरना दिया और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ‘अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम’ लागू करने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
कमिश्नर कार्यालय पर धरना देते वकील
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के कानूनी हलकों में बनारस अधिवक्ता उत्पीड़न की घटना ने गोरखपुर समेत पूरे प्रदेश में तहलका मचा दिया है। 18 सितंबर को वाराणसी की दीवानी कचहरी में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर कथित अत्याचार के विरोध में गोरखपुर के सैकड़ों दीवानी अधिवक्ताओं ने शनिवार को कमिश्नर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल ‘अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम’ लागू करने की मांग की।
इस मामले को लेकर गोरखपुर दीवानी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय ने बताया कि बनारस की यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि प्रयागराज, हापुड़ और अन्य जिलों में भी वकीलों पर लगातार पुलिस के अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम कानून के रक्षक हैं, लेकिन अब हमें सुरक्षा की जरूरत है।"
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जानकारी के अनुसार, ज्ञापन में दोषियों को कड़ी सजा देने, विशेष सुरक्षा कानून बनाने और अधिवक्ताओं के लिए कल्याण निधि गठित करने की मांग की गई है। प्रदर्शन में महिलाओं वकीलों ने भी भाग लिया और ‘वकील सुरक्षा ही न्याय सुरक्षा’ के नारे लगाए।
पूर्व यूपी बार काउंसिल अध्यक्ष अभिमन्यु पांडेय ने कहा कि ऐसी घटनाओं से अधिवक्ता समाज में असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है, इसलिए सरकार को तुरंत उचित कार्रवाई करनी चाहिए। गोरखपुर के कमिश्नर ने ज्ञापन प्राप्त करते हुए आश्वासन दिया कि मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह आंदोलन उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों जैसे सिकंदराराऊ, सादाबाद तक फैल चुका है, जहां वकील हड़ताल पर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार जल्द ‘अधिवक्ता संरक्षण बिल’ नहीं पास करती है तो पूरे प्रदेश में न्यायिक प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
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गोरखपुर कचहरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। अधिवक्ता समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें अगले सप्ताह तक पूरी नहीं हुईं, तो ‘ब्लैक आउट’ हड़ताल की जाएगी।