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उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों की तैनाती किए जाने के कारण परिषदीय स्कूलों की अर्धवार्षिक परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। पहले ये परीक्षाएं 28 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच आयोजित होनी थीं, लेकिन अब नई तिथियां 10 से 15 दिसंबर तय की गई हैं।
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Lucknow: उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) अभियान का सीधा असर अब परिषदीय स्कूलों की शैक्षिक गतिविधियों पर पड़ने लगा है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में हजारों शिक्षकों की तैनाती किए जाने के कारण प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में होने वाली अर्धवार्षिक परीक्षाओं को टाल दिया गया है। शिक्षा विभाग ने नई तिथियां जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अब परीक्षाओं का आयोजन 10 से 15 दिसंबर के बीच कराया जाएगा।
पहले 28 नवंबर से शुरू होनी थी परीक्षा
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक परिषदीय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 नवंबर से 3 दिसंबर 2025 के बीच प्रस्तावित थीं। विद्यालयों में प्रश्नपत्र वितरण, परीक्षा केंद्र निर्धारण और मूल्यांकन की तैयारियाँ लगभग पूरी कर ली गई थीं। लेकिन अचानक बड़ी संख्या में शिक्षकों को एसआईआर ड्यूटी में भेजे जाने के बाद परीक्षा कार्यक्रम प्रभावित हो गया।
शिक्षा विभाग ने स्थिति की समीक्षा की और पाया कि अधिकांश स्कूलों में कक्षाओं का संचालन भी नियमित रूप से संभव नहीं हो पा रहा। कुछ जिलों में शिक्षकों की कमी से बच्चों की सतत मूल्यांकन प्रक्रिया तक प्रभावित हो रही थी। इसके बाद राज्य स्तर से निर्णय लेते हुए परीक्षा तिथियां आगे बढ़ाने का आदेश जारी किया गया।
क्यों जरूरी था SIR के चलते परीक्षा स्थगित करना?
राज्य में पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया जारी है। इस संवेदनशील कार्य में घर-घर जाकर सत्यापन, नए नाम जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने और दस्तावेज़ों की जांच जैसे महत्वपूर्ण काम शामिल हैं।
इन कार्यों के लिए सबसे बड़ी कार्यबल के रूप में शिक्षकों पर निर्भरता रहती है। इस बार भी जिला प्रशासन ने बड़ी संख्या में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को BLO (Booth Level Officer) और सहयोगी कर्मी के रूप में नियुक्त किया है।
ऐसी स्थिति में परीक्षा कराना लगभग असंभव हो गया था क्योंकि निरीक्षण के लिए आवश्यक शिक्षक उपलब्ध नहीं थे। परीक्षा संचालन के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं मिल पा रहा था। कई शिक्षक लगातार फील्ड में लगे होने के कारण स्कूल समय पर नहीं पहुँच पा रहे थे। इन सभी कारणों का समन्वित असर छात्रों पर पड़ रहा था, इसलिए परीक्षा स्थगित करना विभाग के लिए मजबूरी बन गया।
जिलों से लगातार मिल रही थी शिकायतें
कई जिलों से रिपोर्टें आ रही थीं कि SIR कार्य के चलते शिक्षक दबाव में हैं और स्कूलों में शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है। कुछ जिलों में बीएलओ कार्य का मानसिक दबाव शिक्षकों की सेहत पर भी असर डाल रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा परीक्षाओं को तत्काल आगे बढ़ाना बेहद जरूरी हो गया।