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जिलाधिकारी दीपक मीणा ने डीएम कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए स्पष्ट कर दिया कि सड़क चौड़ीकरण और विकास कार्यों के नाम पर किसानों व जमीन मालिकों को परेशान करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पढिए पूरी खबर
डीएम दीपक मीणा का सख्त संदेश
गोरखपुर: जिलाधिकारी दीपक मीणा ने डीएम कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए स्पष्ट कर दिया कि सड़क चौड़ीकरण और विकास कार्यों के नाम पर किसानों व जमीन मालिकों को परेशान करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनसुनवाई में बड़ी संख्या में ऐसे फरियादी पहुंचे, जिनकी जमीन रोड चौड़ीकरण के कार्य में गई है और वे मुआवजा, माप-जोख व भुगतान को लेकर लंबे समय से कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
मुआवजा देने में अनावश्यक देरी
जानकारी के मुताबिक, फरियादियों ने जिलाधिकारी को बताया कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा उनकी जमीन तो ले ली गई, लेकिन मुआवजा देने में अनावश्यक देरी की जा रही है। कई मामलों में माप-जोख अधूरी है तो कहीं दस्तावेजों के नाम पर फाइलें अटकाई जा रही हैं। किसानों का आरोप था कि विभागीय अधिकारियों के यहां उनकी सुनवाई नहीं हो रही, जिससे उन्हें मानसिक तनाव के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
लापरवाही या टालमटोल?
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सभी शिकायतों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि विकास कार्यों में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, उन्हें पूरा सम्मान, उचित मुआवजा और सभी वैधानिक सुविधाएं मिलनी चाहिए। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या टालमटोल सामने आई तो जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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दस्तावेजों की जांच
डीएम ने मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) हिमांशु वर्मा को निर्देश दिए कि सड़क चौड़ीकरण समेत अन्य विकास परियोजनाओं में अधिग्रहित की गई जमीन से जुड़े सभी मामलों का तत्काल और प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाए। उन्होंने कहा कि मुआवजा भुगतान, दस्तावेजों की जांच और अन्य औपचारिकताओं में किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं है।
समस्याओं का समाधान
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों को अपने हक के लिए बार-बार जिला कार्यालय नहीं आना चाहिए। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि उनकी समस्याओं का समाधान समयबद्ध, पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से किया जाए। इसके लिए पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर लंबित मामलों की सूची तैयार करने और तय समय सीमा में उनका निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
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डीएम दीपक मीणा ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण जैसे कार्य जनहित में जरूरी हैं, लेकिन इनकी आड़ में किसी किसान के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। जनसुनवाई में डीएम के सख्त रुख से फरियादियों को राहत मिली। किसानों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन की सख्ती के बाद अब उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा और उन्हें अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा।