गोरखपुर: चिलुआताल में डूबने से 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत, SDRF की तलाश जारी

जिले के गुलहरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बासस्थान मंदिर के समीप चिलुआताल में एक दुखद हादसे में 45 वर्षीय कैलाश निषाद, पुत्र रामनवल निषाद, की डूबने से मौत हो गई। कैलाश निषाद, जो भैरवा टोला पिपरहवा के निवासी थे, की इस घटना ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 15 July 2025, 4:14 PM IST
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Gorakhpur:  जिले के गुलहरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बासस्थान मंदिर के समीप चिलुआताल में एक दुखद हादसे में 45 वर्षीय कैलाश निषाद, पुत्र रामनवल निषाद, की डूबने से मौत हो गई। कैलाश निषाद, जो भैरवा टोला पिपरहवा के निवासी थे, की इस घटना ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है। इस हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतक के शव की तलाश शुरू कर दी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के  अनुसार घटना की जानकारी मिलने पर सदर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) दीपक कुमार गुप्ता ने तत्परता दिखाते हुए डिप्टी कलेक्टर/तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह और कानूनगो विनय कुमार श्रीवास्तव को मौके पर भेजा। उनके साथ स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की एक विशेष टीम भी तलाशी अभियान में शामिल की गई है। SDRF और तहसील के अधिकारी व कर्मचारी दिन-रात प्रयासरत हैं ताकि मृतक का शव शीघ्र बरामद कर परिजनों को सौंपा जा सके।

फिसलने या गहरे पानी में जाने के कारण यह हादसा

स्थानीय लोगों के अनुसार, कैलाश निषाद मंगलवार की सुबह तालाब के पास गए थे, लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने सभी को सदमे में डाल दिया। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वह तालाब में कैसे डूबे।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि संभवतः पैर फिसलने या गहरे पानी में जाने के कारण यह हादसा हुआ।

तालाब के आसपास सुरक्षा उपायों की मांग

चिलुआताल क्षेत्र में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके चलते स्थानीय लोग प्रशासन से तालाब के आसपास सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि शव की बरामदगी के साथ ही इस मामले की गहन जांच की जाएगी।

हर संभव मदद का भरोसा

SDRF की टीम अत्याधुनिक उपकरणों के साथ तलाशी अभियान में जुटी है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और वे शव के मिलने की उम्मीद में तालाब के किनारे इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन और पुलिस इस दुखद घड़ी में परिवार के साथ है और हर संभव मदद का भरोसा दिला रहा है। वही अब देखने वाली बात यह है कि आखिर कब तक इस तरह से लोगों को मौत के साए में जीना पड़ सकता है।

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