

चार दिनों की गिरावट के बाद शेयर बाजार में मंगलवार को रौनक लौटी। सेंसेक्स और निफ्टी ने मामूली बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की।
New Delhi: लगातार चार दिनों की गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार 16 जुलाई 2025 को हल्की तेजी देखने को मिली। निवेशकों को कुछ राहत देते हुए बाजार सकारात्मक दायरे में खुला। बीएसई सेंसेक्स 203.95 अंकों की बढ़त के साथ 82,457.41 पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी भी 68.85 अंक चढ़कर 25,151.15 पर पहुंच गया। सोमवार को सेंसेक्स 247.01 अंक गिरकर 82,253.46 पर बंद हुआ था और निफ्टी 67.55 अंक गिरकर 25,082.30 पर आ गया था।
बाजार में खुलेते ही कुछ कंपनियों के शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। सन फार्मा, भारती एयरटेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा मोटर्स और इंफोसिस जैसे दिग्गज शेयरों में मजबूती देखी गई और इन्होंने निवेशकों को लाभ पहुंचाया। वहीं दूसरी ओर, एचसीएल टेक के शेयरों में लगभग 3% की गिरावट आई। इसके अलावा इंटरनल, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक जैसे शेयर पिछड़ते नजर आए।
एक्सचेंज के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को करीब 1,614.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,787.68 करोड़ रुपये की खरीदारी की। एफआईआई की बिकवाली से बाजार पर दबाव बना हुआ है, खासकर लार्जकैप शेयरों पर इसका असर देखा जा रहा है।
[caption id="attachment_321567" align="aligncenter" width="1024"] प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)[/caption]
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार अभी उतार-चढ़ाव के दौर में है और किसी ठोस दिशा की कमी है। अप्रैल, मई और जून में एफआईआई जहां शुद्ध खरीदार थे, वहीं जुलाई में वे शुद्ध विक्रेता बन गए हैं। एक अहम संकेत यह है कि सीपीआई मुद्रास्फीति जून में घटकर 2.10% रह गई है, जो आरबीआई के 3.7% के लक्ष्य से काफी नीचे है। इससे यह उम्मीद बढ़ी है कि निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, जो बाजार के लिए सकारात्मक रहेगा।
एशियाई बाजारों में भी मंगलवार को मिले-जुले रुख देखने को मिले। जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग सेंग सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक थोड़ा कमजोर रहा। सोमवार को अमेरिकी बाजार भी सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.39% गिरकर 68.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है, जिससे कुछ सेक्टरों में राहत मिल सकती है।
रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.92 पर स्थिर रहा। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि एफआईआई निकासी और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर चल रही अनिश्चितता के कारण घरेलू मुद्रा में मजबूती नहीं आ सकी। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि डॉलर सूचकांक के मजबूत रहने और एशियाई मुद्राओं में कमजोरी के चलते रुपया दबाव में रहा।
मंगलवार को शेयर बाजार में आई यह मामूली तेजी निवेशकों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। हालांकि एफआईआई की लगातार बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते बाजार अभी भी दबाव में है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बाजार को सपोर्ट दे सकती हैं, लेकिन निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतनी चाहिए।