FollowUP: दिमाग पढ़ने में माहिर! करोड़ों की कंपनियां और हवाला एंगल; UP STF ने निकाली फर्जी RAW अफसर की पूरी कुंडली

नोएडा में फर्जी रॉ अधिकारी बनकर करोड़ों का लेन-देन करने वाले आरोपी सुमित चौधरी के मामले की जांच तेज हो गई है। 10 महीनों में उसके खातों से 3 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन सामने आया है। हवाला कनेक्शन की भी जांच हो रही है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 21 November 2025, 3:35 PM IST
google-preferred

Greater Noida: नोएडा में गिरफ्तार किए गए फर्जी RAW अधिकारी सुमित चौधरी मामले की जांच लगातार गहराती जा रही है। एसटीएफ ने खुलासा किया है कि आरोपी ने बीते 10 महीनों में अपने कई अलग-अलग बैंक खातों के माध्यम से करीब 3 करोड़ रुपये का भारी-भरकम ट्रांजैक्शन किया है। जांच एजेंसियां अब उसके 10 बैंक खातों का पूरा ब्योरा खंगाल रही हैं। बैंकों से इन खातों की पिछले दो वर्षों की स्टेटमेंट और लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड मांगा गया है। शुरुआती जांच में हवाला नेटवर्क से कनेक्शन होने की आशंका भी सामने आई है।

एसटीएफ के अनुसार, 37 वर्षीय आरोपी ने क्लीनिकल साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। वह 2012 में कलिंगा यूनिवर्सिटी (रायपुर) से यह डिग्री प्राप्त कर चुका है। पूछताछ में उसने बताया कि इसी बैकग्राउंड का फायदा उठाकर वह लोगों के दिमाग को आसानी से पढ़ लेता था और परिस्थितियों को अपनी सुविधा के अनुसार मैन्यूपुलेट कर लेता था। इसी स्किल के दम पर उसने खुद को सरकारी एजेंसियों से जुड़ा अधिकारी बताकर कई लोगों को विश्वास में लिया।

जांच में पता चला कि आरोपी सुमित ने तीन कंपनियां बनाई थी

  1. HAPPU Mental Health Service 2
  2. Festum 24 Technologies Pvt. Ltd.
  3. Lokally Technologies Private Limited

इन कंपनियों में उसने स्वयं का और एक लड़की का नाम डायरेक्टर के रूप में दर्ज कराया था। एसटीएफ के अनुसार, सुमित ने कई बैंक खाते खोले और उन्हीं खातों के माध्यम से HAPPU Mental Health Service के खाते में लगातार भारी लेन-देन किया, जिससे कंपनी का ट्रांजैक्शन वॉल्यूम बढ़े और उसकी वैल्यू मार्केट में मजबूत दिख सके। उसका उद्देश्य इस कंपनी को भविष्य में पब्लिक लिमिटेड बनाकर शेयर मार्केट में लिस्ट करवाना और फिर IPO जारी करके बड़ा निवेश जुटाना था।

आखिर ऐसा क्या हुआ, जो सुहागरात के 7 दिन बाद बीवी ने बीच सड़क पर करवाया पति का मर्डर, पढ़ें खूबसूरत हसीना की खौफनाक कहानी

दो महत्वपूर्ण बैंक खातों को भी फ्रीज कराया

जांच के दौरान खुलासा हुआ कि सिर्फ 10 महीनों में आरोपी ने 3 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन विभिन्न खातों से अपनी कंपनी में किया। टीम इन पैसों के स्रोत तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, क्योंकि यह संभावना जताई जा रही है कि इनका संबंध हवाला कारोबार से हो सकता है। एसटीएफ ने दो महत्वपूर्ण बैंक खातों को भी फ्रीज कराया है। इनमें RBL बैंक में 40 लाख रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक में 41 लाख रुपये जमा मिले हैं। दोनों खातों में कुल 81 लाख रुपये बरामद हुए हैं। अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि यह रकम कहां से आई। टीम का कहना है कि इस मामले में आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

कितनी पढ़ी-लिखी है बिहार की नई सरकार: यहां देखें नीतीश गवर्नमेंट के सभी मंत्रियों की मार्कशीट

इन धाराओं में मुकदमा दर्ज

आरोपी के पास से बरामद डिजिटल सामग्री ने जांच को और गंभीर बना दिया है। उसके टैब से दिल्ली ब्लास्ट से संबंधित छह वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच संवेदनशील मानकर उच्च स्तर पर की जा रही है। सुमित के खिलाफ थाना सूरजपुर में भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340 और आईटी एक्ट की धारा 66D के तहत केस दर्ज किया गया है।

आरोपी के कब्जे से क्या-क्या मिला?

तलाशी में उसके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद हुए। जिनमें दो फर्जी आईडी, 20 चेकबुक, दिल्ली पुलिस की फर्जी वेरिफिकेशन लेटर, 8 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 17 एग्रीमेंट, 5 पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी, दो फॉर्म वोटर आईडी, दो कंपनी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज, ITR पेपर्स, 3 लैपटॉप और दो टैबलेट शामिल हैं। एसटीएफ अब पूरे नेटवर्क का विस्तार से विश्लेषण कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह केवल आर्थिक अपराध नहीं बल्कि फर्जी पहचान, हवाला नेटवर्क और साइबर क्राइम का जटिल मामला है। जिसका दायरा और बढ़ सकता है।

Location : 
  • Noida

Published : 
  • 21 November 2025, 3:35 PM IST