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बिहार में नई सरकार का गठन हो गया है। नए मंत्रिपरिषद में इंजीनियरिंग, PhD और स्नातकोत्तर डिग्रीधारी बड़ी संख्या में शामिल हैं। जबकि केवल एक मंत्री मैट्रिक पास हैं। कुल 13 मंत्रियों वाली कैबिनेट में अनुभवी और नवागंतुक चेहरे दोनों मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
Patna: बिहार में नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत हो गई है। गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विशाल समारोह के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर राज्य की बागडोर संभाली। उनके साथ नवगठित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। समारोह की खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहली बार इतने बड़े राज्यस्तरीय शपथ ग्रहण में शामिल हुए, जिससे कार्यक्रम का राजनीतिक महत्व और बढ़ गया।
नीतीश कुमार, जो बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से इंजीनियरिंग की डिग्री रखते हैं। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में शिक्षा के स्तर पर संतुलन रखने की कोशिश की है। नवगठित 13 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में एक को छोड़कर सभी मंत्री इंटरमीडिएट से लेकर इंजीनियरिंग डिग्रीधारी तक हैं। उच्च शिक्षा वाले मंत्रियों का दबदबा साफ नजर आता है।
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उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा बेगूसराय पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक हैं, जबकि बीजेपी नेता दीपक प्रकाश ने मणिपाल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। इसके विपरीत, मंत्रिमंडल में शिक्षा के लिहाज से सबसे कम योग्यता रखने वाले मंत्री नारायण प्रसाद हैं, जो केवल मैट्रिक पास हैं।
मंत्रिपरिषद में चार मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर उच्च शिक्षा में विशेष स्थान हासिल किया है। इनमें दिलीप कुमार जायसवाल (बीएनएम विश्वविद्यालय, मधेपुरा), अशोक चौधरी, संतोष कुमार सुमन और डॉ. प्रमोद कुमार शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को भी डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की जा चुकी है, जिससे उच्च शिक्षित नेताओं की मौजूदगी और मजबूत होती है।
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नई कैबिनेट में पोस्टग्रेजुएट डिग्रीधारी मंत्रियों की संख्या चार है। इनमें विजय कुमार चौधरी, सुनील कुमार, अरुण शंकर प्रसाद और अंतरराष्ट्रीय शूटर से नेत्री बनीं श्रेयसी सिंह शामिल हैं। वहीं, स्नातक की डिग्री रखने वाले सात मंत्री मंत्रिमंडल में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इनमें मंगल पांडेय, मदन सहनी, रामकृपाल यादव, संजय सिंह टाइगर, लखेंद्र कुमार रौशन और संजय कुमार जैसे नाम शामिल हैं।
दूसरी ओर सात मंत्री ऐसे हैं जो 12वीं तक शिक्षित हैं। इनमें बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, नितिन नवीन, जमा खान, सुरेंद्र मेहता और रमा निषाद शामिल हैं। इनमें रमा निषाद पहली बार विधायक चुनी गईं और पहली बार ही मंत्री पद पर भी आसीन हुईं। बाकी छह मंत्री पहले भी विभिन्न सरकारों में मंत्री रह चुके हैं और अनुभव के आधार पर फिर से कैबिनेट में शामिल किए गए हैं।