

जिले में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। 7 ब्लॉकों की करीब तीन दर्जन कार्यकत्रियों पर सेवा समाप्ति की तलवार लटक गई है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए थे कि पोषण अभियान के तहत लाभार्थियों का डाटा डिजिटल रूप से दर्ज हो। इसके लिए हर लाभार्थी का ई-केवाईसी और FRS जरूरी किया गया था।
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों पर बर्खास्तगी की तलवार
Maharajganj: भारत सरकार के पोषण ट्रैकर ऐप पर 100% ई-केवाईसी और फेशियल रिकग्निशन (FRS) प्रक्रिया में बार-बार लापरवाही बरतने के कारण इनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए थे कि पोषण अभियान के तहत लाभार्थियों का डाटा डिजिटल रूप से दर्ज हो। इसके लिए हर लाभार्थी का ई-केवाईसी और FRS जरूरी किया गया था। लेकिन चेतावनी और नोटिस मिलने के बावजूद भी कुछ कार्यकत्रियों ने काम में गंभीरता नहीं दिखाई। अब बाल विकास परियोजना विभाग ने इनकी पत्रावली जिलाधिकारी को भेज दी है। अंतिम सुनवाई के बाद इन्हें सेवा से बाहर करने का आदेश पारित हो सकता है।
प्रशासन का कहना है कि पोषण ट्रैकर पर डाटा अपलोड बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण से जुड़ा है, ऐसे में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का पक्ष है कि ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की दिक्कतें, स्मार्टफोन की कमी और ऐप की तकनीकी समस्याओं के कारण वे समय पर काम पूरा नहीं कर पाईं।
इन कार्यकत्रियों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
फरेंदा परियोजना: पूर्णिमा चौधरी, रीना देवी, शशिबाला पाठक, रीता देवी, दीपमाला
पनियरा परियोजना: कैलाशी देवी, गुड्डी देवी, कमलावती देवी, डिम्पी सिंह, कुसमावती देवी
घुघली परियोजना: सुशीला देवी, गीता भारती, अमरावती देवी, नीलम तिवारी, गीता ओझा
परतावल परियोजना: प्रतिमा देवी, सुनीता शर्मा, उर्मिला, चन्द्रकला, अंजू पाठक
मिठौरा परियोजना: दुर्गावती सिंह, अनीता देवी, पूनम मिश्रा, प्रतिमा मिश्रा, शशिकला
सिसवाँ परियोजना: सोनिया, सुमन देवी, मीरा देवी, कमलावती देवी, लालमती गुप्ता
क्षेत्रीय केन्द्र: शीला देवी (बरवा द्वारिका), कमलेश देवी (खेसरारी-02), रिम्पा देवी (लक्ष्मीपुर एकडंगा), मंजू सिंह (मुंडेरी), प्रीति सिंह
जैसे ही इस कार्रवाई की खबर फैली, जिलेभर में आंगनवाड़ी संगठन और कार्यकत्रियों में हड़कंप मच गया है। अब सबकी निगाहें जिलाधिकारी के अंतिम फैसले पर टिकी हैं। यदि बर्खास्तगी का आदेश लागू हुआ, तो यह न केवल जिले की आंगनवाड़ी सेवाओं को प्रभावित करेगा बल्कि बाकी कार्यकत्रियों के लिए भी एक सख्त संदेश साबित होगा।