

यूपी के भदोही जनपद में सीतामढ़ी में पांच साल से ठप पड़ी स्वपेय जल योजना, ‘हर घर नल’ सिर्फ कागज़ों में, गांवों में हैंडपंप और कुओं से गुज़र रही जिंदगी। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
सीतामढ़ी में पांच साल से ठप पड़ी स्वपेय जल योजना
भदोही: जनपद के डीघ ब्लॉक अंतर्गत सीतामढ़ी क्षेत्र में जल निगम द्वारा संचालित स्वपेय जल योजना पिछले पाँच वर्षों से पूरी तरह से बंद पड़ी है, जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों में शुद्ध पेयजल का संकट गहराता जा रहा है। इस योजना के ठप हो जाने के कारण ग्रामीणों को दोबारा पुराने जमाने के हैंडपंपों, कुओं और पोखरों पर निर्भर होना पड़ रहा है। भीषण गर्मी और गिरते भूजल स्तर के बीच यह संकट ग्रामीणों के लिए और अधिक गंभीर रूप ले चुका है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दुगना, परसनी, खेमापुर, अरई, चकिया, बनकट, सोनपुर समेत आसपास के गांवों में पहले इस योजना के माध्यम से पाइपलाइन द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होती थी। ग्रामीणों का कहना है कि यह व्यवस्था काफी कारगर थी और इससे उन्हें बड़ी राहत मिली थी। लेकिन विभागीय लापरवाही और रखरखाव के अभाव में यह योजना धीरे-धीरे पूरी तरह बंद हो गई।
स्थानीय निवासी श्रवण मिश्रा, मनीष पांडे, मनोज सिंह और राजकुमार यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पांच साल पहले तक नियमित रूप से पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन अब हालत यह है कि पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है या फिर दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ता है। कई गांवों में हैंडपंप या तो खराब हो चुके हैं या फिर गर्मी में जल स्तर नीचे जाने की वजह से सूख गए हैं।
घराब पड़ी मशीन
ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या को लेकर संबंधित विभागों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है। 'हर घर नल, हर घर जल' जैसी योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर सीमित रह गई हैं, जबकि जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है।
जब इस संबंध में जल निगम के एक अभियंता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार की 'जल जीवन मिशन' योजना के तहत इन गांवों में फिर से शुद्ध पेयजल आपूर्ति बहाल करने की योजना बनाई जा रही है। इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जा चुका है और स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अभियंता ने यह भी कहा कि इस बार योजना को स्थायी रूप से संचालित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
घराब अवस्था में बिजली बोर्ड
गांव के लोगों को अब भी इस बात की उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन इस बार उनकी दशकों पुरानी समस्या का स्थायी हल निकालेगा। ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी में पानी के लिए रोज़ की जद्दोजहद ने उनकी दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है। अगर जल्द ही पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो स्थिति और खराब हो सकती है।
भदोही के सीतामढ़ी क्षेत्र की यह समस्या यह दिखाती है कि सरकार की योजनाएं कैसे जमीन पर लागू होने में वर्षों तक लटकी रह जाती हैं। अब देखना होगा कि 'जल जीवन मिशन' ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं। फिलहाल गांववाले सिर्फ एक चीज मांग रहे हैं-'हर घर तक शुद्ध जल की निर्बाध आपूर्ति।'