हिंदी
आइरिस समस्या से परेशान किसानों ने आज सेंटर पर प्रदर्शन किया है। उन्होंने पूर्व के तरह बायोमेट्रिक प्रक्रिया के अपनाएं जाने की मांग की है। धान खरीद में फर्जीवाड़े रोकने के लिए शासन ने आइरिस तकनीक का सहारा लिया है। मशीन उम्रदराज और आंखों के अपरेशन करवा चुके किसानों का रेटिना स्कैनिंग करने में विफल हो रहा।
किसानों का विरोध प्रदर्शन
Barabanki: बाराबंकी में आइरिस समस्या से परेशान किसानों ने आज सेंटर पर प्रदर्शन किया है। उन्होंने पूर्व के तरह बायोमेट्रिक प्रक्रिया के अपनाएं जाने की मांग की है। धान खरीद में फर्जीवाड़े रोकने के लिए शासन ने आइरिस तकनीक का सहारा लिया है। किसानों व केंद्र प्रभारियों की आंखों के स्कैनिंग से तोल प्रक्रिया पूर्ण होती है, लेकिन अक्सर आइरिस और नेटवर्क समस्या से किसान परेशान है।
मशीन उम्रदराज व आँखों के अपरेशन करवा चुके किसानों का रेटिना स्कैनिंग करने में विफल हो रहा। जिसके चलते परेशान किसान ने बरैय्या स्थित खाद व रशद विभाग के धान क्रय केंद्र पर जमकर हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया है।
Barabanki Cough Syrup: खांसी का सिरप पीने से युवक की मौत, परिजनों ने मेडिकल स्टोर पर लगाया आरोप
किसानों ने बताया कि आइरिस की प्रक्रिया समाप्त करके पुनः बायोमेट्रिक प्रणाली (अंगूठा का विकल्प) चालू करे, ताकि समय रहते खरीद सुनिश्चित होती रहे। बरैय्या गाँव के किसान सुरेश कुमार ने बताया कि 18 नवंबर को धान तौलने के बाद से आइरिस करने के लिए हर दिन चक्कर लगा रहे है, लेकिन रेटिना नहीं ले रहा है। अंदीपुर के राम कुबेर, रंजीत और फूलचंद ने बताया कई दिनों के बाद तौल हुई तो अब आई रेटिना के लिए से निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
बरैय्या के उत्तम कुमार, ज्ञान प्रकाश और राजमल आदि किसानों ने भी आइरिस प्रक्रिया को खत्म कर पिछले साल की तरह अंगूठा वाली प्रक्रिया अपनाएं जाने की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र प्रभारी प्रीतम सिंह व विनोद कुमार ने समझा बुझाकर शांत कराया है।
Barabanki: उर्वरक बिक्री केंद्रों पर छापेमारी, तीन विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित
धान खरीद में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन ने इस साल आइरिस तकनीक लागू की है, जिसके तहत किसान और केंद्र प्रभारी दोनों की आंखों की स्कैनिंग अनिवार्य है। लेकिन कमजोर नेटवर्क, मशीनों की तकनीकी खराबी, उम्रदराज किसानों की आंखों में ऑपरेशन या मोतियाबिंद जैसी समस्याओं ने पूरी प्रक्रिया को ठप कर दिया है। किसानों का कहना है कि तकनीक के भरोसे बैठा सिस्टम रोजाना उनकी मेहनत और समय दोनों को खा रहा है। बरैय्या गांव के किसान सुरेश कुमार ने बताया कि 18 नवंबर को धान तौल करवाने के बाद से हर दिन आइरिस स्कैन कराने आ रहे हैं, लेकिन मशीन रेटिना पकड़ ही नहीं रही।