हिंदी
बाराबंकी में जिला कृषि अधिकारी ने वरिष्ठ प्राविधिक सहायक के साथ 09 उर्वरक बिक्री केंद्रों पर छापेमारी कर 05 नमूने लिए और अनियमितताओं के चलते तीन दुकानों के विक्रय लाइसेंस निलंबित कर दिए। अधिकारियों ने रेट/स्टॉक बोर्ड प्रदर्शित करने, पीओएस से बिक्री करने और किसानों का पूरा विवरण दर्ज करने के निर्देश दिए।
उर्वरक बिक्री केंद्रों पर छापेमारी
Barabanki: जिले में उर्वरकों की उपलब्धता, गुणवत्ता और बिक्री व्यवस्था की निगरानी को सख्त करने के उद्देश्य से जिला कृषि अधिकारी राजित राम ने सोमवार को बड़े पैमाने पर निरीक्षण अभियान चलाया। वरिष्ठ प्राविधिक सहायक (ग्रुप-ए) प्रीतम सिंह के साथ मिलकर उन्होंने तहसील फतेहपुर नवाबगंज क्षेत्र में कुल 09 उर्वरक बिक्री केंद्रों पर संयुक्त छापेमारी की। अभियान के दौरान कई दुकानों पर अनियमितता पाई गई हैं, जबकि 05 उर्वरकों के नमूने जांच के लिए ग्रहित किए गए।
निरीक्षण में सबसे गंभीर बात यह सामने आई कि तीन उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठान जांच के समय पूरी तरह बंद मिले। नियमों का पालन न करने और जांच से बचने की आशंका के चलते जिला कृषि अधिकारी ने इन तीनों विक्रेताओं के उर्वरक विक्रय प्राधिकार-पत्र तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। जिन विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए गए, उनमें भारत खाद भंडार (टिकैतगंज), सुषमा बीज भंडार (टिकैतगंज) और यूनियन किसान सेवा केंद्र (टिकैतगंज) शामिल हैं।
Barabanki: ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में पंचायत सचिवों ने बांधी काली पट्टी, 5 दिसंबर को होगा धरना
अधिकारियों ने बताया कि बिक्री केंद्रों पर अनियमितताओं की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिसके बाद यह अभियान चलाया गया। टीम ने उर्वरकों की गुणवत्ता, स्टॉक, मूल्य सूची, बिक्री प्रक्रिया और पीओएस मशीन से होने वाली बिक्री की निगरानी की। कई दुकानों पर रेट/स्टॉक बोर्ड प्रदर्शित नहीं पाए गए, जिस पर अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेट व स्टॉक बोर्ड हर हालत में दुकान पर प्रदर्शित होना चाहिए, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की ठगी का सामना न करना पड़े।
उर्वरक बिक्री पर कड़ा निर्देश, टैगिंग नहीं होगी मान्य
निरीक्षण टीम ने सभी विक्रेताओं को निर्देशित किया कि किसानों को उर्वरक उनकी जोत, फसल और संस्तुति के अनुसार ही निर्धारित दर पर उपलब्ध कराया जाए। साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की टैगिंग जैसे बीज, कीटनाशक या किसी अन्य सामग्री को जबरन साथ में बेचने की अनुमति नहीं है। बिक्री केवल पीओएस मशीन के माध्यम से ही दर्ज की जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और नियंत्रण विभाग वास्तविक बिक्री को ट्रैक कर सके।
कृषकों का पूरा विवरण दर्ज करना अनिवार्य
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि बिक्री रजिस्टर में कृषक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, भूमि का विवरण और संस्तुत मात्रा दर्ज करना अनिवार्य है। किसानों से हस्ताक्षर लेना भी अनिवार्य किया गया है, ताकि बिक्री प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित रहे और किसी भी प्रकार की हेराफेरी रोकी जा सके।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
जिला कृषि अधिकारी राजित राम ने कहा कि नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित विक्रेताओं पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी अनियमितताओं पर विभाग शून्य सहनशीलता की नीति पर कार्य करेगा।
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने बताया कि नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आने पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि क्षेत्र में उर्वरकों की उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।