गोरखपुर में चप्पल से खुला राज, नाले में मिला प्रियंका का शव, पुलिस और परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

गोरखपुर के सहजनवां क्षेत्र के माड़र गांव में तीन दिन से लापता 13 वर्षीय प्रियंका साहनी का शव नाले में मिला। मानसिक रूप से अस्वस्थ बताई गई किशोरी की गुमशुदगी रविवार को दर्ज की गई थी। शव मिलने के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

Gorakhpur: सहजनवां क्षेत्र के ग्राम माड़र में सोमवार शाम उस समय मातम की चीखें गूंज उठीं, जब तीन दिन से लापता 13 वर्षीय किशोरी प्रियंका साहनी का शव गांव के पास स्थित नाले में बरामद हुआ। मानसिक रूप से अस्वस्थ बताई जा रही प्रियंका को परिवार ने 29 नवंबर की दोपहर से खो दिया था, जब वह घर से अचानक निकल गई थी और देर शाम तक वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसे आसपास के इलाकों, खेतों और सड़कों पर पूरी रात खोजा, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।

रविवार शाम तक उम्मीदें टूटने लगी, जिसके बाद परिजन सहजनवां थाने पहुंचे और पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने किशोरी की गुमशुदगी दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की। परिजन और स्थानीय लोग भी लगातार उसकी खोज में लगे रहे। सोमवार की देर शाम घटनाक्रम में बड़ा मोड़ तब आया जब ग्रामीणों ने गांव से करीब पांच सौ मीटर दूर नाले के पास एक चप्पल पड़ी देखी। चप्पल को देखकर ग्रामीणों में शक हुआ कि यह प्रियंका की हो सकती है।

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पानी में तैरता हुआ मिला प्रियंका का शव

चौंकते हुए ग्रामीण नाले के किनारे पहुंचे और झांककर देखा तो पानी में एक शव तैरता हुआ दिखाई दिया। कुछ ही क्षणों बाद पहचान की पुष्टि हुई- वह प्रियंका ही थी। इस खबर के फैलते ही गांव में अफरा-तफरी और घर में कोहराम मच गया। परिजन रोते-बिलखते मौके पर पहुंचे और प्रियंका को उस हालत में देखकर बेहोश तक हो गए।

पुलिस का बयान

घटना की सूचना मिलते ही सीओ गीडा कमलेश प्रताप सिंह और एसओ महेश चौबे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आसपास के इलाके में भी जांच की।

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परिजनों ने सुनाई दर्दभरी कहानी

परिजनों के अनुसार प्रियंका कक्षा सात की छात्रा थी और पिछले कुछ समय से मानसिक बीमारी से जूझ रही थी। परिवार वालों ने बताया कि वह कभी-कभी घर से अकेले निकल जाती थी, लेकिन हर बार थोड़ी ही देर में लौट आती थी। इस बार न लौटने पर परिवार को आशंका हुई और उसकी तलाश रातभर चलती रही। परिवार पहले ही आर्थिक तंगी से गुजर रहा है और अब इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया है।

शव में छाया मातम

ग्रामीणों का कहना है कि प्रियंका पिछले कई दिनों से परेशान थी और परिवार इस परेशानी को लेकर चिंतित भी था। शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने परिवार को ढांढस बंधाया और पूरी रात उनके साथ बने रहे। गांव में प्रियंका की मौत को लेकर शोक के साथ-साथ आक्रोश भी देखा जा रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि मानसिक रूप से परेशान बच्चों के लिए स्थानीय स्तर पर कोई परामर्श या सहायता उपलब्ध क्यों नहीं है।

एसओ महेश चौबे ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की जा रही थी। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी। पुलिस ने सभी संभावित बिंदुओं, जैसे फिसलकर गिरना, दुर्घटना या किसी प्रकार की आशंका को लेकर जांच तेज कर दी है।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 1 December 2025, 11:27 PM IST