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ऑनलाइन उपस्थिति लागू करने, साइकिल भत्ता बढ़ाने और ई-ग्राम स्वराज की जटिल प्रक्रिया के विरोध में जिलेभर के पंचायत सचिवों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। 5 दिसंबर को सभी विकासखंडों में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। सचिवों ने निजी व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने और अतिरिक्त कार्य न करने का निर्णय भी लिया है।
ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में पंचायत सचिवों ने बांधी काली पट्टी
Barabanki: पंचायत सचिवों की ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू किए जाने के विरोध में सोमवार को जिले भर में पंचायत सचिवों ने काली पट्टी बांधकर अपना आक्रोश दर्ज कराया। प्रांतीय संगठन के आह्वान पर शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन लगातार 4 दिसंबर तक जारी रहेगा। सचिवों का कहना है कि नई व्यवस्था बिना उनके सुझाव के लागू कर दी गई है, जिससे कार्यप्रणाली बाधित होगी और फील्ड कार्य पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा।
अनावश्यक रूप से कठिनाई झेलनी पड़ेगी
सचिवों ने स्पष्ट किया कि 1 दिसंबर से उनकी उपस्थिति ऑनलाइन करने का निर्णय अव्यावहारिक है, क्योंकि कई ग्राम पंचायतों में नेटवर्क की स्थिति बेहद कमजोर है। सचिवों के अनुसार, ऑनलाइन उपस्थिति में तकनीकी दिक्कतें आएंगी, जिससे फील्ड में कार्य करने वाले कर्मियों को अनावश्यक रूप से कठिनाई झेलनी पड़ेगी।
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जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा
प्रांतीय संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। तय कार्यक्रम के अनुसार 4 दिसंबर तक सचिव काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे, जबकि 5 दिसंबर को सभी विकासखंडों में धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर होने और अतिरिक्त कार्य न करने का निर्णय
पंचायत सचिवों ने यह भी ऐलान किया है कि वे विभागीय जिम्मेदारियों के अलावा किसी भी अतिरिक्त कार्य में सहयोग नहीं करेंगे। साथ ही सभी सचिव अपने निजी मोबाइल नंबरों पर चल रहे सभी व्हाट्सएप समूहों से बाहर हो जाएंगे। उनका कहना है कि निजी नंबरों पर लगातार मिलने वाले निर्देश और अनावश्यक संदेश कार्य के दबाव को बढ़ाते हैं और निजी जीवन में भी हस्तक्षेप पैदा करते हैं।
साइकिल भत्ता सिर्फ 200 रुपये, “इसमें मोटरसाइकिल चलाना असंभव”
पंचायत सचिवों ने क्षेत्र भ्रमण भत्ते की भी कड़ी आलोचना की। वर्तमान में सचिवों को प्रति माह मात्र 200 रुपए का साइकिल भत्ता मिलता है। सचिवों का कहना है कि इतनी कम राशि में मोटरसाइकिल या किसी अन्य वाहन से फील्ड भ्रमण करना संभव नहीं है, जबकि उन्हें रोजाना गांव-गांव जाकर विभिन्न कार्यों की निगरानी करनी होती है। इसीलिए अब सचिवों ने साफ कहा है कि वे केवल बस, जीप, टेंपो या साइकिल से ही भ्रमण करेंगे और मोटरसाइकिल से फील्ड पर जाना संभव नहीं होगा।
ई-ग्राम स्वराज और गेटवे प्रक्रिया पर भी आपत्ति
पंचायत सचिवों ने जटिल ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और गेटवे प्रोसेस का भी विरोध जताया है। सचिवों का कहना है कि यह प्रक्रिया अत्यधिक समय लेने वाली है और कई बार तकनीकी खामियों के कारण दिनभर का समय इसमें खर्च हो जाता है। उन्होंने मांग की है कि भुगतान और प्रगति निगरानी की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
संगठन ने यह भी कहा है कि सभी भुगतान मोबाइल ऐप के माध्यम से करने की सुविधा जल्द से जल्द लागू की जाए, ताकि फील्ड में कार्यरत कर्मियों को तकनीकी परेशानियों का सामना न करना पड़े।
रामनगर ब्लॉक में काली पट्टी बांधकर दर्ज कराया विरोध
विकासखंड रामनगर में बड़ी संख्या में पंचायत सचिवों ने काले रिबन बांधकर विरोध जताया। इस दौरान अभय शुक्ला, रवि अवस्थी, रत्नेश कुमार, विजय कुमार, निखिल कनौजिया, बीना चतुर्वेदी, अंकिता सिंह, दयानंद सहित कई सचिव मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा।
सचिवों ने कहा कि सरकारी कार्यों को समय पर पूरा करने के बावजूद उन्हें बार-बार नई व्यवस्थाओं के जरिए दबाव में लाया जा रहा है। उन्होंने चेताया कि 5 दिसंबर को दिया जाने वाला ज्ञापन आंदोलन की दिशा तय करेगा।