आजम खान 23 माह बाद जेल से आएंगे बाहर, क्या कायम रहेगा वही दबदबा, जानें क्या कहते हैं समीकरण?

सपा नेता आजम खां को 23 माह बाद सीतापुर जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। रामपुर पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं, लेकिन रिहाई के लिए सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। 1 अक्टूबर को उन्हें कोर्ट में पेश होने का आदेश भी जारी किया गया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 23 September 2025, 8:14 AM IST
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Sitapur: आजम खान पिछले 23 महीनों से सीतापुर की जेल में बंद थे, अब जल्द ही रिहा होने जा रहे हैं। उनकी रिहाई का रास्ता हाईकोर्ट से साफ हो चुका है और यह माना जा रहा है कि आगामी 1 अक्टूबर को वे रामपुर की कोर्ट में पेश होने के बाद सीतापुर जेल से बाहर आ सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या जेल से बाहर आने के बाद उनका वही पुराना राजनीतिक दबदबा कायम रहेगा, जो पहले था?

आजम खान का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा है, लेकिन उनके प्रभाव और सपा में उनके अहम स्थान को नकारा नहीं जा सकता। उनकी रिहाई के बाद एक बार फिर से रामपुर में सपा समर्थकों में नई उम्मीदें जगी हैं और माना जा रहा है कि उनकी वापसी से पार्टी को एक नई दिशा मिल सकती है। वहीं, भाजपा के लिए यह एक चुनौती हो सकती है, क्योंकि आजम खान की राजनीतिक पकड़ और उनका जनाधार कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता।

आजम पर दर्ज कितने मुकदमे

आजम खां पर कुल 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 12 मामलों का निर्णय आ चुका है। इनमें से 5 मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई है, जबकि 7 मामलों में वे बरी हो चुके हैं। बाकी के मामलों में 59 मामलों की सुनवाई सेशन कोर्ट में और 19 मामलों की सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही है। इन मामलों में से कुछ महत्वपूर्ण मामलों में 29 सितंबर को पैन कार्ड और पासपोर्ट मामले की सुनवाई होनी है, जबकि डूंगरपुर बस्ती कब्जाने के मामले में सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।

आजम खान

शत्रु संपत्ति और कानूनी जंग

आजम खां के खिलाफ शत्रु संपत्ति मामले में भी हालिया घटनाक्रम हुए हैं। रामपुर पुलिस ने उनके खिलाफ शत्रु संपत्ति के मामले में तीन नई धाराएं जोड़ दी हैं। अदालत ने 20 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई की तिथि तय की थी, जहां बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि इन धाराओं को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और इन धाराओं के तहत वारंट जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। अब, 1 अक्टूबर को आजम खां को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, उनके खिलाफ पैन कार्ड और पासपोर्ट से जुड़े मामले की सुनवाई 29 सितंबर को होगी। इस मामले में कुछ कानूनी जटिलताएं हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए अदालत में पेश होने की आवश्यकता होगी।

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रिहाई की प्रक्रिया और पुलिस की तैयारी

आजम खां की रिहाई से पहले उनके समर्थक और सपा के कई नेता सीतापुर जेल के लिए रवाना हो चुके हैं। उनकी रिहाई के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। रामपुर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और पुलिस को चौकस रहने की चेतावनी दी गई है। रामपुर में उनकी रिहाई के दौरान राजनीतिक माहौल भी गरमाने की संभावना है, क्योंकि आजम खां का यहां पर खासा प्रभाव है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बढ़ा दी गई है और एलआईयू उनके परिवार और समर्थकों के आसपास पूरी नजर रखे हुए है। सपा नेता आजम खां का जेल से बाहर आने के बाद किस तरह का स्वागत होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या उनके पुराने समर्थक फिर से उनकी पार्टी के साथ जुड़ेंगे, या उनकी कानूनी लड़ाई और विवादों के कारण उनकी छवि पर असर पड़ेगा, यह समय ही बताएगा।

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राजनीति में नए समीकरण

रामपुर में आजम खां की रिहाई के बाद राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। सपा के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक मौका हो सकता है, लेकिन भाजपा और अन्य विपक्षी दल इसे चुनौती के रूप में देख सकते हैं। अगर आजम खां अपनी कानूनी लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़ते हैं और समर्थकों को एकजुट करने में सफल होते हैं तो उनका प्रभाव फिर से बढ़ सकता है। वहीं, अगर वे कानूनी उलझनों में फंसते हैं, तो उनके समर्थकों के मनोबल पर भी असर पड़ सकता है।

Location : 
  • Sitapur

Published : 
  • 23 September 2025, 8:14 AM IST