

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। चर्चित क्वालिटी बार और ज़मीन कब्जा मामले में उनकी ज़मानत अर्जी को मंज़ूरी दे दी गई है। अदालत के इस निर्णय से आज़म खान को राहत मिली है।
आजम खान को हाईकोर्ट से राहत
Prayagraj: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार कब्जा मामले में जमानत याचिका मंजूर होने के बाद अब उनका जेल से बाहर आना सुनिश्चित हो गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस समीर जैन ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आजम खान को जमानत देने का फैसला लिया। इसके पहले, आजम खान ने रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन 17 मई 2025 को अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां अब उन्हें राहत मिली है।
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क्वालिटी बार मामले में आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप थे। आरोप था कि रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी पर बने क्वालिटी बार पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की गई थी। इस मामले में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने तहरीर दी थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस की विवेचना में आजम खान के अलावा उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, बेटे अब्दुल्ला आजम खान और तत्कालीन चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी को भी आरोपी बनाया गया था।
इस मामले में आजम खान की ओर से वकील इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने जिरह की। अभियोजन पक्ष ने आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया, लेकिन हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत मंजूर कर दी।
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आजम खान की जमानत मंजूरी के साथ अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बना सकता है। जहां एक ओर उनके समर्थक उन्हें एक राजनीतिक जीत के रूप में देख रहे हैं, वहीं विपक्षी पार्टीयों के लिए यह एक नया मुद्दा बन सकता है।
हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि आजम खान की जमानत से उनकी राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह निश्चित है कि यह मामला आगामी चुनावों और राजनीतिक समीकरणों में अहम भूमिका निभा सकता है।