

कानपुर में एसीएमओ डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई में डॉ. सुबोध पर सप्लायरों से मिलीभगत कर 1.60 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी का आरोप है। साथ ही चीफ फार्मासिस्ट अवनीश शुक्ला और वित्त अधिकारी वंदना सिंह के खिलाफ भी जांच व कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
Kanpur News: स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ी कार्रवाई के तहत एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर की गई है। प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने निलंबन आदेश जारी करते हुए विभागीय जांच के भी संकेत दिए हैं।
वित्तीय अनियमितताओं का बड़ा खुलासा
डॉ. सुबोध पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विभिन्न सप्लायरों से सांठगांठ कर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताएं कीं। नवंबर 2024 में उन्होंने चीफ फार्मासिस्ट अवनीश शुक्ला और वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदना सिंह के साथ मिलकर एनआरएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) के तहत एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया। आरोपों के अनुसार, उन्होंने सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड फर्म मेसर्स जेएम फार्मा के साथ मिलीभगत की। इस फर्म के साथ मिलकर जेम पोर्टल और दस्तावेजों में हेराफेरी की गई। नियमों को ताक पर रखकर 1.60 करोड़ रुपये से अधिक की अधोमानक सामग्री की आपूर्ति को मंजूरी दी गई और उसका भुगतान कर दिया गया।
मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत बनी कार्रवाई का आधार
यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने 17 जून 2025 को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर इस भ्रष्टाचार की जानकारी दी। शिकायत में डॉ. सुबोध के साथ-साथ चीफ फार्मासिस्ट अवनीश शुक्ला और वित्त अधिकारी वंदना सिंह पर भी आरोप लगाए गए थे। डॉ. नेमी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में ये आरोप प्रमाणित पाए गए। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आदेश पर डॉ. सुबोध को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
अन्य अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज
डॉ. सुबोध के साथ-साथ मामले में लिप्त पाए गए चीफ फार्मासिस्ट अवनीश शुक्ला और वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदना सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों अधिकारियों को भी जल्द ही निलंबित किया जा सकता है। विभागीय स्तर पर इनके खिलाफ जांच की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
कानपुर में 2003 से थे तैनात
डॉ. सुबोध प्रकाश यादव की तैनाती वर्ष 2003 में अलीगढ़ से स्थानांतरित होकर कानपुर में हुई थी। शुरुआत में उन्हें परामर्शदाता के पद पर नियुक्त किया गया था। वर्ष 2019 में उन्हें लेवल-4 में पदोन्नति मिली, लेकिन इसके बावजूद उनका स्थानांतरण नहीं किया गया और वे कानपुर नगर में ही एसीएमओ के पद पर तैनात रहे। इस लंबे समय तक एक ही स्थान पर बने रहना भी सवालों के घेरे में है।