देश के चर्चित बेहमई हत्याकांड में 43 साल बाद आया फैसला, फूलन देवी ने 20 लोगों को लाइन में खड़ा कर भूना था गोलियों से

डीएन ब्यूरो

कानपुर देहात के बेहमई कांड में बुधवार को कानपुर देहात की अदालत ने 43 साल बाद फैसला सुनाया है। इस कांड से जुड़े फुलन देवी समेत कई आरोपियों की मौत हो चुकी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

फूलन देवी में 20 लोगों को उतारा था मौत के घाट (फाइल फोटो)
फूलन देवी में 20 लोगों को उतारा था मौत के घाट (फाइल फोटो)


कानपुर: कानपुर देहात के बेहमई कांड में बुधवार को कानपुर देहात की अदालत ने 43 साल बाद फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी को आजीवान करावास की सजा सुनाई है। इस कांड में कुल 34 आरोपी थे, जिसमें से फुलन देवी समेत कई आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार कानपुर देहात की एंटी डकैती कोर्ट ने एक आरोपी को आजीवान करावास की सजा सुनाने के साथ ही एक आरोपी को बरी कर दिया है। इस मामले की मुख्य आरोपी फूलन देवी की 2001 में दिल्ली में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात के समय फूलन देवी उत्तर प्रदेश से सांसद थी। 

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अदालत ने जेल में बंद दो आरोपियों में एक आरोपी श्याम बाबू को बेहमई कांड में दोषी मानते हुए एक आरोपी विश्वनाथ को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।

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14 फरवरी 1981 को तब की कुख्यात डकैत रही फूलन देवी ने कानपुर देहात के राजपुर थाना थाना क्षेत्र के यमुना किनारे बसे बेहमई गांव में लोगों को लाइन से खड़ा करके 20 ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।










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