Raebareli: 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में डीएम ने निक्षय वाहन को दिखाई हरी झंडी

डीएन संवाददाता

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रायबरेली सहित 15 जनपदों में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान की शुरुआत शनिवार से हुई। यह अभियान 24 मार्च 2025 को खत्म होगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

बैठक के दौरान डीएम व अन्य अधिकारी
बैठक के दौरान डीएम व अन्य अधिकारी


रायबरेली: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रायबरेली सहित 15 जनपदों में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान की शुरुआत शनिवार से हुई। यह अभियान 24 मार्च 2025 को खत्म होगा। जनपद में इस अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने बचत भवन से किया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने मोबाइल मेडिकल यूनिट “निक्षय वाहन” को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक अभियान का शुभारंभ करते हुए डीएम हर्षिता ने कहा कि “निक्षय वाहन” समुदाय में जाकर व्यापक प्रचार प्रसार और अन्य गतिविधियां करेंगी। प्रधानमंत्री ने साल 2025 में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जिसमें अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। हम सभी को इस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना है। टीबी संक्रमण को रोकने, नए टीबी रोगियों को खोजने और टीबी से होने वाली मौतों में कमी लाने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई। 

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यह अभियान स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य 18 विभागों के सहयोग से चलेगा। केंद्र सरकार द्वारा रायबरेली सहित ऐसे 15 जनपदों को चिन्हित किया गया है, जहां पर टीबी से होने वाली मौतों की दर साल 2023 की राष्ट्रीय दर 3.6 फीसद के बराबर या अधिक है। साथ ही नये टीबी रोगियों और संभावित टीबी रोगियों की पहचान की दर राष्ट्रीय औसत से कम है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा ने बताया कि लक्षणों के आधार पर संभावित टीबी मरीजों की पहचान कर अभियान के दौरान टीबी के सक्रिय रोगियों को ढूंढते हुए उनके सम्पर्क में आये रोगियों की जल्द से जल्द पहचान की जाएगी और उनका गुणवत्तापूर्ण इलाज शुरु किया जायेगा। इसके अलावा गांव से लेकर उच्च स्वास्थ्य इकाइयों पर टीबी की स्क्रीनिंग बढ़ाई जाएगी। उच्च जोखिम वाले रोगियों जैसे 60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोग, कुपोषित, डायबिटीज एवं एचआईवी रोगी, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्ति, इलाज प्राप्त कर रहे टीबी रोगियों के साथ रहने वाले और इलाज पूरा कर चुके व्यक्ति पर  विशेष ध्यान दिया जायेगा।

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टीबी से होने वाली हर मौत का डेथ ऑडिट किया जायेगा। इसके साथ ही पोषण पर भी पूरा ध्यान देते हुए योजना के तहत इलाज के दौरान 1000 रूपये की राशि और अन्य सेवाएं दी जायेंगी। इसके साथ ही टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों और उच्च जोखिम वाले समूहों को टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) दिया जाएगा। इसके अलावा निक्षय मित्रों द्वारा अधिक से अधिक टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जायेगा। 

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम सिंह, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शम्स रिजवान, प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका वंदना श्रीवास्तव, एनटीईपी के सदस्य लोकेश श्रीवास्तव और के.के. श्रीवासतव ने दो-दो और व्यापारी सुनील श्रीवास्तव ने 10 क्षय रोगियों को गोद लिया। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना और एनटीईपी के सदस्य आदि मौजूद रहे।










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