

पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। दिल्ली की घरेलू टीम की कप्तानी कर चुके मन्हास जम्मू-कश्मीर से आने वाले पहले व्यक्ति हैं जिन्हें यह पद मिला है।
मिथुन मन्हास (Img: Internet)
Mumbai: बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया गया, जिसमें पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का नया अध्यक्ष चुना गया। वह रोजर बिन्नी की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। जम्मू और कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले मन्हास बीसीसीआई अध्यक्ष बनने वाले पहले व्यक्ति हैं जो इस क्षेत्र से आते हैं।
AGM के दौरान बाकी पदाधिकारियों की भी नियुक्ति की गई। राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रहेंगे, जबकि रघुराम भट, जो कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के अध्यक्ष हैं, अब बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष होंगे। देवजीत सैकिया सचिव बने रहेंगे और प्रभतेज भाटिया को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है।
बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया गया, जिसमें पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को BCCI का नया अध्यक्ष चुना गया। @MithunManhas @BCCI #CricketNews pic.twitter.com/FADILPMp8V
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 28, 2025
मिथुन मन्हास ने दिल्ली के घरेलू क्रिकेट में एक मजबूत स्तंभ के रूप में पहचान बनाई। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की कप्तानी की और 2007-08 सीज़न में टीम को चैंपियन भी बनाया। उस सीज़न में मन्हास ने 921 रन बनाए थे। वह एक दाएं हाथ के बल्लेबाज़ और कभी-कभी ऑफ स्पिन गेंदबाज़ भी रहे हैं।
आईपीएल में भी मिथुन मन्हास का सफर खास रहा है। उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स), पुणे वॉरियर्स इंडिया, और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेला। हालांकि, वे कभी सीनियर भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन सके क्योंकि उस समय टीम इंडिया के मध्यक्रम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे।
मिथुन मन्हास की नियुक्ति इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि वह जम्मू और कश्मीर से आने वाले पहले व्यक्ति हैं जिन्हें बीसीसीआई की बागडोर सौंपी गई है। उनका चयन भारतीय क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है, जिसमें क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को भी महत्व दिया जा रहा है।
मिथुन मन्हास का क्रिकेटिंग अनुभव और नेतृत्व कौशल बीसीसीआई को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक हो सकता है। अब देखना होगा कि वह प्रशासनिक भूमिका में भी उसी सफलता को दोहरा पाते हैं या नहीं, जैसी उन्होंने मैदान पर दिखाई थी।