

जर्मनी की दो बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियन बायथलॉन खिलाड़ी लॉरा डाहलमेयर का पाकिस्तान के काराकोरम पर्वत श्रृंखला में ट्रेकिंग के दौरान एक हादसे में निधन हो गया। गिरती चट्टानों की चपेट में आने के कारण हुई यह दुर्घटना लैला पीक पर हुई, जहाx बचाव प्रयास खराब मौसम और खतरनाक इलाके के कारण सफल नहीं हो सके।
लॉरा डाहलमेयर की मौत (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: जर्मनी की दो बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और सात बार की विश्व चैंपियन बायथलॉन खिलाड़ी लॉरा डाहलमेयर की पाकिस्तान में पर्वतारोहण के दौरान एक दुखद हादसे में मौत हो गई। बुधवार को उनकी एजेंसी ने पुष्टि की कि डाहलमेयर की मौत पाकिस्तान के खतरनाक काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित लैला पीक पर चट्टानों के गिरने से हुई। उस समय वह 5,700 मीटर (18,700 फीट) की ऊंचाई पर थीं।
डाहलमेयर की टीम ने बताया कि सोमवार दोपहर को यह हादसा हुआ, जब वह अपने साथी पर्वतारोही के साथ ट्रेकिंग कर रही थीं। साथी पर्वतारोही हादसे के बाद सुरक्षित स्थान तक पहुंचने में सफल रहा और उसने तत्काल अलार्म बजाकर सहायता की सूचना दी।
हालांकि, स्थानीय प्रशासन और उनकी एजेंसी के अनुसार, घटनास्थल की खतरनाक और भयानक स्थिति के कारण हेलीकॉप्टर के जरिए या जमीनी स्तर पर किसी भी तरह का बचाव अभियान सफल नहीं हो पाया। बुधवार को औपचारिक रूप से उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई।
स्थानीय आपदा प्रबंधन अधिकारी मुहम्मद अली ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से इस क्षेत्र में बहुत खराब मौसम बना हुआ है। लगातार बारिश, तेज़ हवाएं और घने बादल बचाव अभियान में बड़ी बाधा बने। इसके अलावा इलाके की दूरस्थता और जोखिम के चलते भी राहत कार्य मुश्किल हो गया।
डाहलमेयर के बचाव के लिए पाकिस्तान की शिप्टन ट्रेक एंड टूर्स द्वारा एक जमीनी अभियान चलाया गया, जिसमें तीन अमेरिकी और एक जर्मन पर्वतारोही शामिल थे। लेकिन लगातार गिरती चट्टानों और असुरक्षित माहौल के कारण उन्हें भी वापस लौटना पड़ा।
लॉरा डाहलमेयर खेल जगत में एक जाना-पहचाना नाम थीं। उन्होंने 2018 प्योंगचांग शीतकालीन ओलंपिक में बायथलॉन के स्प्रिंट और परस्यूट दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। वह यह कारनामा करने वाली पहली महिला बनीं।
उनकी इस असमय मृत्यु पर जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमेयर ने गहरा दुख जताया और उन्हें "दुनिया में जर्मनी की शांति और सह-अस्तित्व की प्रतीक" बताया।
लॉरा जून के अंत से पाकिस्तान में थीं और ग्रेट ट्रैंगो टॉवर पर सफल चढ़ाई भी कर चुकी थीं। उनकी आकस्मिक मौत ने खेल जगत और पर्वतारोहण समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।