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आईपीएल में RCB के लिए खेलने वाले तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल को जयपुर की POCSO कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने नाबालिग से जुड़े रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है।
यश दयाल (Img: Internet)
Jaipur: आईपीएल 2026 से पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। जयपुर की POCSO कोर्ट ने नाबालिग से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस फैसले को यश दयाल के लिए बड़ा कानूनी झटका माना जा रहा है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता कि आरोपी को झूठे मामले में फंसाया गया हो। इस फैसले के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या आईपीएल 2026 से पहले यश दयाल को जेल जाना पड़ सकता है, हालांकि उनके पास अब भी हाई कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद है।
जयपुर मेट्रोपॉलिटन फर्स्ट की POCSO कोर्ट नंबर तीन ने यश दयाल की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता और उपलब्ध तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को राहत देने से इनकार किया। हालांकि, इस आदेश का यह अर्थ नहीं है कि यश दयाल को तुरंत जेल जाना होगा। कानून के तहत उनके पास अब भी राजस्थान हाई कोर्ट का रुख करने का विकल्प मौजूद है।
🚨 Yash Dayal is in big trouble
- Jaipur Metropolitan POCSO Court rejected Yash Dayal’s anticipatory bail plea (on R@pe case).
- Evidence such as chats, photos, videos, call records, and hotel stay details indicated involvement.
- No signs of false implication were found.
-… pic.twitter.com/xYUR2UVWGR— Vipin Tiwari (@Vipintiwari952) December 24, 2025
गौरतलब है कि इस साल जुलाई महीने में यश दयाल के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद से ही वह क्रिकेट के मैदान से दूर चल रहे हैं। यह FIR जयपुर के सांगानेर सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। शिकायत में यश दयाल पर 17 वर्षीय नाबालिग के साथ रेप और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। FIR दर्ज होने के बाद मामला POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नाबालिग पीड़िता ने पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया है कि यश दयाल ने करियर बनाने में मदद करने का झांसा देकर करीब ढाई साल तक उसका शोषण किया। पीड़िता का दावा है कि इस दौरान उसका मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया गया। पुलिस का कहना है कि पीड़िता के मोबाइल फोन से मिली चैट्स, तस्वीरें और वीडियो इस मामले में अहम सबूत के तौर पर सामने आए हैं, जिनके आधार पर कार्रवाई की गई।
वहीं, यश दयाल के वकील ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि यश दयाल निर्दोष हैं और उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। बचाव पक्ष का दावा है कि यश दयाल और पीड़िता की मुलाकातें हमेशा सार्वजनिक स्थानों पर होती थीं। वकील के मुताबिक, पीड़िता ने खुद को बालिग बताया था और आर्थिक तंगी का हवाला देकर यश दयाल से कई बार आर्थिक मदद भी ली थी।
फिलहाल, कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सबकी निगाहें यश दयाल के अगले कानूनी कदम पर टिकी हैं। जांच एजेंसियां मामले की पड़ताल कर रही हैं और आगे की कार्रवाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार की जाएगी।