

भारत के अर्जुन बाबूता और एलवेनिल वालारिवन ने 16वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इस मुकाबले में उन्होंने चीन की मजबूत जोड़ी को 17-11 से हराया।
अर्जुन बाबूता और एलवेनिल वालारिवन (Img: Internet)
Kazakhstan: 16वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में भारत के अर्जुन बाबूता और एलवेनिल वालारिवन ने 10मीटर एयर राइफल की मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। फाइनल मुकाबले में इस भारतीय जोड़ी ने चीन की जोड़ी, डिंगके लू और शिनलू पेंग, को 17–11 से मात दी और प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान हासिल किया।
मैच की शुरुआत चीन की जोड़ी ने अच्छी की, लेकिन अर्जुन व एलवेनिल वालारिवन ने अपने अनुभव और आत्म‑विश्वास से शानदार वापसी की। उन्होंने राउंड में क्रमशः 9.5 और 10.1 के उच्च स्कोर देकर रुझानों को पलट दिया और स्वर्ण पदक जीतने का श्रेय हासिल किया।
इस उपलब्धि से पहले, एलवेनिल वालारिवन ने इसी चैंपियनशिप के महिला वर्ग में 10मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता था। यह निशानेबाजी में उनकी क्षमता और निरंतरता को दर्शाता है।
पिछले दौर में अर्जुन, रुद्राक्ष पाटिल, और किरण जाधव की तिकड़ी ने पुरुषों की 10मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। भारतीय निशानेबाजों का यह रैकेट प्रदर्शन रही शानदार धार का प्रदर्शन है, जहां व्यक्तिगत और टीम दोनों प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठता दिखाई गई।
इस चैंपियनशिप में भारत की टीम ने एक बार फिर निशानेबाज़ी के प्रति समर्पण, मानसिक संतुलन और तकनीकी कौशल दिखाया। अर्जुन और एलवेनिल की मिश्रित जोड़ी ने मैदान में उत्कृष्ट समन्वय के साथ 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में उत्कृष्ट परिणाम हासिल किया।
ऐसे क्षण जब भारत निशानेबाज़ी में अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर चमकता है, यह न केवल खिलाड़ियों की मेहनत, बल्कि स्पोर्ट्स अकादमिक और कोचिंग संरचना का भी नतीजा है। ये पदक साबित करते हैं कि युवा खिलाड़ी ऐसे टूर्नामेंट्स में अपना दबदबा बनाए रख रहे हैं।
इन जीतों के बाद भारतीय निशानेबाज़ों में आत्मविश्वास और बढ़ा है। आगामी एशियाई प्रतियोगिताओं और विश्व स्तर के टूर्नामेंट्स में ये खिलाड़ी भारत का मान बढ़ाने की कोशिश जारी रखेंगे। भारत की इस उपलब्धि ने स्पोर्ट्स यूनिटी और क्षमता की एक प्रेरणादायक मिसाल रखी है।
अर्जुन बाबूता और एलवेनिल वालारिवन ने न सिर्फ मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, बल्कि भारतीय निशानेबाजी समुदाय को एक बार फिर गौरवान्वित किया। इनके समर्पण, तकनीकी कौशल और मैच में लौटने की क्षमता ने यह दिखाया कि भारत निशानेबाजी में एक जबरदस्त और भरोसेमंद ताकत बनकर उभरा है।