हिंदी
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर “एक अधिकारी, दो जिम्मेदारी” का मामला सामने आया है। भीलवाड़ा जिले में डॉ. रामकेश गुर्जर को कार्यवाहक सीएमएचओ का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। इससे विभाग में सवाल उठ रहे हैं।
डॉ. रामकेश गुर्जर
Bhilwara: राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर “एक पद पर दो जिम्मेदारियां” का मामला चर्चा में है। राज्य सरकार ने भीलवाड़ा जिले में कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) का अतिरिक्त कार्यभार डॉ. रामकेश गुर्जर को सौंपा है। फिलहाल वे पहले से ही अतिरिक्त सीएमएचओ के पद पर कार्यरत हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, संयुक्त शासन सचिव निशा मीणा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ. रामकेश गुर्जर अपने मूल पद के साथ-साथ सीएमएचओ का अतिरिक्त कार्य भी संभालेंगे। यह निर्णय प्रशासनिक स्तर पर अस्थायी रूप से लिया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के भीतर इस कदम को लेकर असंतोष और सवाल उठ रहे हैं।
राज्य में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव है। ग्रामीण इलाकों में चिकित्सकों की कमी, दवाओं की आपूर्ति में बाधाएं और अस्पतालों की कमजोर व्यवस्था पहले ही चुनौती बनी हुई है। ऐसे में अधिकारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी देना कई विशेषज्ञों के अनुसार विभागीय बोझ बढ़ाने जैसा है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह नियुक्ति अस्थायी है और जल्द ही स्थायी सीएमएचओ की तैनाती की जाएगी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह की अस्थायी व्यवस्थाएं लंबे समय तक खिंचती रहती हैं, जिससे न तो प्रशासनिक पारदर्शिता रहती है और न ही जिम्मेदारी तय हो पाती है।
भीलवाड़ा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पहले से ही संतोषजनक नहीं मानी जाती। हाल ही में जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी और स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति को लेकर शिकायतें सामने आई थीं। ऐसे में कार्यवाहक सीएमएचओ के रूप में एक ही अधिकारी पर दोहरी जिम्मेदारी डालना, “जुगाड़” के रूप में देखा जा रहा है।
नकली पुलिस, असली डकैती: राजस्थान से दिल्ली तक फैला गिरोह पकड़ा गया
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सीएमएचओ का पद जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन की रीढ़ होता है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक पद नहीं बल्कि जिम्मेदारी और निर्णय क्षमता की कसौटी भी है। ऐसे में किसी अधिकारी को दोहरी जिम्मेदारी देना न तो व्यावहारिक है और न ही प्रभावी।
राज्य सरकार की ओर से फिलहाल इस कदम को अस्थायी बताया गया है। सूत्रों के अनुसार, विभाग स्थायी सीएमएचओ की नियुक्ति की प्रक्रिया पर काम कर रहा है। वहीं स्थानीय स्तर पर उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही जिले को एक पूर्णकालिक सीएमएचओ मिलेगा, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें।