

राजस्थान के सीकर जिले में DFCCIL के वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर एक बड़ा रेल हादसा हुआ। चावल से लदी मालगाड़ी के 38 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन 50 से अधिक मालगाड़ियां प्रभावित रहीं और कई राज्यों में माल आपूर्ति बाधित हो गई।
राजस्थान मालगाड़ी हादसे का पूरे देश में बुरा असर
Rajasthan: डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के पश्चिमी मालवाहक गलियारे (Western Freight Corridor) पर राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर क्षेत्र में एक भीषण रेल हादसा हुआ था। चावल से लदी एक मालगाड़ी के 38 डिब्बे अचानक पटरी से उतर गए और एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। हादसा भले ही जनहानि से रहित रहा हो, लेकिन कॉरिडोर के ट्रैक को गंभीर नुकसान हुआ है और व्यापारिक माल परिवहन व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है।
कैसे हुआ था हादसा?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ट्रेन चालक ने पटरियों पर अचानक आई एक नंदी (सांड) को बचाने के लिए आपात ब्रेक लगाया, जिससे डिब्बों का संतुलन बिगड़ गया और भारी संख्या में डिब्बे पटरी से उतरकर एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए। हालांकि रेलवे अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया है कि तकनीकी खामी की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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रातों-रात राहत कार्य शुरू हुआ
घटना की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू और तकनीकी टीमें मौके पर पहुंच गई और रातों-रात राहत कार्य शुरू कर दिया गया। दुर्घटनास्थल पर मलबा हटाने और डिब्बों को क्रेन की सहायता से अलग करने का कार्य किया जा रहा है। हालांकि, ट्रैक को हुए भारी नुकसान के कारण मरम्मत में काफी समय लगने की संभावना है।
50 से अधिक मालगाड़ियों को रद्द या डायवर्ट किया
इस दुर्घटना का प्रभाव सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ग्रेटर नोएडा समेत देश के कई औद्योगिक क्षेत्रों में माल आपूर्ति पर इसका सीधा असर देखा गया। इस कॉरिडोर पर रोजाना औसतन 100 से अधिक मालगाड़ियां चलती हैं। फिलहाल हादसे के कारण 50 से अधिक मालगाड़ियों को रद्द या डायवर्ट किया गया है।
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इन इलाकों में सबसे बुरा असर
बताया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव, पलवल, मथुरा और वडोदरा जैसे क्षेत्रों तक माल आपूर्ति में दो से तीन दिन की देरी का अनुमान है। कई उद्योगों और गोदामों को आवश्यक कच्चे माल और तैयार माल की आपूर्ति बाधित रही, जिससे उद्योगों के संचालन पर भी असर पड़ सकता है।
DFCCIL का बयान
DFCCIL के अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। रेलवे प्रशासन की प्राथमिकता ट्रैक को जल्द से जल्द चालू करना है, जिले माल परिवहन की नियमित व्यवस्था बहाल हो सके। रेलवे द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, “हमारे इंजीनियरिंग दल दिन-रात मरम्मत कार्य में जुटे हैं। जल्द ही ट्रैक को चालू कर दिया जाएगा। मामले की पूरी जांच कराई जा रही है।”