

आज पूरे भारत में ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल का कार्य चल रहा है। ऐसे में कई लोग नहीं जानते हैं कि ब्लैकआउट होता क्या है। जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
नई दिल्ली: हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। इसी आक्रोश के चलते भारत ने मंगलवार देर रात को पाकिस्तानी में हवाई हमला करते हुए बदला पूरा किया। ऐसे में भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित युद्ध की स्थिति को देखते हुए 7 मई यानी आज दिल्ली सहित कई शहरों में नागरिक सुरक्षा के तहत मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किया जाएगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हैरान और चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले 54 वर्षों में यह पहली बार हो रहा है, जहां ब्लैकआउट जैसी सैन्य तैयारी देश में देखने को मिल रही है। बता दें कि गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस निर्देश में गृह मंत्रालय ने ब्लैकआउट की प्रक्रिया, हवाई हमले की चेतावनियों और सावधानियां की प्रणाली को शामिल किया है।
क्या होता है ब्लैकआउट और क्यों जरूरी है?
हर कोई इस बात से अनजान है कि आखिरकार ब्लैक आउट क्या है और यह क्यों जरूरी है। अगर आप भी इस बारे में नहीं जानते हैं तो बता दें कि ब्लैकआउट में शहर में हर प्रकार की रोशनी को पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है दुश्मन के विमानों को नागरिक इलाकों की पहचान न करने देना ताकि हवाई हमलों से बचाव किया जा सके।
ब्लैकआउट के दौरान क्या होता है ?
1. ब्लैकआउट के दौरान इमारतों से बाहर कोई रोशनी बंद की जाती है और वाहनों की हेडलाइट्स को ढका जाता है।
2. किसी भी सजावटी या विज्ञापन लाइट पर पाबंदी की जाती है।
3. हाथ में ली गई टॉर्च तक को कागज़ से लपेटना जाता है, एक तरह से पूरा देश ब्लैक दिखना चाहिए।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट इस बात का सबूत है कि देश अब किसी भी आपात स्थिति के लिए मनोवैज्ञानिक और भौतिक दोनों स्तर पर तैयार है। वहीं, यह प्रक्रिया इस बात का साबूत भी है कि भारत दुश्मनों के हमले से पूरी तरह सतर्क है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब के फिरोजपुर में भी ब्लैकआउट का रिहर्सल किया जा चुका है।
राजधानी में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का शेड्यूल
1. शाम 4 बजेः नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल
2. शाम 7 बजे के बाद: ब्लैकआउट अभ्यास